auruhana2.kz
autokolesa.kz
costacoffee.kz
icme2017.org
kenfloodlaw.com

Explore

Search

July 13, 2025 8:49 pm

सुप्रीम कोर्ट: जानें आदेश में क्या-क्या कहा……….’CJI के रूप में डीवाई चंद्रचूड़ ने बुलडोजर पर सुनाया अपना अंतिम फैसला……

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड ने रिटायर होने से पहले रविवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना अंतिम फैसला सुनाया। उनके बाद न्यायमूर्ति संजीव खन्ना उनके उत्तराधिकारी के रूप में सीजेआई का कार्यभार संभालेंगे। चंद्रचूड का अंतिम निर्णय बुलडोजर जस्टिस के खिलाफ था। आपको बता दें कि हाल के दिनों में यह एक ऐसी व्यवस्था बन चुकी है, जिसमें राज्य सरकारें और उनके विभाग बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के लोगों की व्यक्तिगत संपत्तियों को तोड़ने का सहारा लेते हैं। ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाती है जिनका नाम किसी अपराध में आता है।

यह निर्णय 6 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की उस पीठ ने सुनाया जिसकी अध्यक्षता CJI चंद्रचूड ने की थी। इसमें न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और मनोज मिश्रा भी शामिल थे। यह मामला 2019 में पत्रकार मनोज तिबरेवाल आकाश के पुश्तैनी घर को तोड़ने से जुड़ा था। सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि इसके लिए सिर्फ एक सार्वजनिक घोषणा “मुहूर्त” के जरिए की गई थी। इसके लिए न ही किसी लिखित नोटिस या कानूनी आधार के बारे में स्पष्ट रूप से बताया गया था।

Weight Loss Vegetables: ये 5 सब्जियां……….’बैली फैट और वजन को कम करने के लिए खा सकते हैं…….

क्या था मामला?

2019 में सिर्फ “मुहूर्त” (ड्रम की आवाज) के माध्यम से सार्वजनिक घोषणा की गई थी। न ही किसी लिखित नोटिस के माध्यम से यह बताया गया था कि यह कदम क्यों उठाया गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया को कानूनी प्रक्रियाओं का उल्लंघन माना। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने राज्य सरकार को इस मामले में याचिकाकर्ता को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का निर्देश दिया। साथ ही अवैध ध्वस्तीकरण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया।

अपने फैसले में CJI चंद्रचूड ने बुलडोजर न्याय को पूरी तरह से अस्वीकार्य करार दिया। उन्होंने कहा, “बुलडोजर न्याय संविधान के तहत संपत्ति के अधिकार (धारा 300A) को मृत पत्र में बदलने जैसा है। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।” उन्होंने आगे कहा, “बुलडोजर के माध्यम से न्याय किसी भी सभ्य न्याय व्यवस्था में स्वीकार्य नहीं है। यदि इसे अनुमति दी जाती है तो राज्य के किसी भी अधिकारी या विभाग द्वारा नागरिकों की संपत्ति का ध्वस्तीकरण एक अनुचित प्रतिशोध का रूप ले सकता है।”

डीवाई चंद्रचूड ने यह भी टिप्पणी की कि नागरिकों की आवाज को उनके घरों और संपत्तियों को नष्ट करके दबाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा, “एक व्यक्ति की अंतिम सुरक्षा उसका घर है। कानून अवैध सार्वजनिक संपत्तियों पर कब्जा करने और अतिक्रमण को नकारता है, लेकिन यह संपत्ति के अधिकार की रक्षा करता है।”

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने यह भी कहा, अधिकारियों के लिए सार्वजनिक जिम्मेदारी को मानक होना चाहिए। जिन अधिकारियों ने इस तरह की अवैध कार्रवाई की या उसे मंजूरी दी है उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए और उनके द्वारा किए गए कानून उल्लंघनों को आपराधिक दंड का सामना करना चाहिए।”

आपको बता दें कि डीवाई चंद्रचूड ने 9 नवंबर, 2022 को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला था। उन्होंने न्यायिक स्वतंत्रता, नागरिक अधिकारों की रक्षा और संविधान की भावना को बनाए रखने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले दिए। उनका अंतिम आदेश इस बात का प्रतीक है कि वे हमेशा कानूनी प्रक्रियाओं और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के पक्षधर रहे हैं।

CJI चंद्रचूड रविवार यानी कि 11 नवंबर 2024 को रिटायर हो रहे हैं। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना सोमवार को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे।

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर
ligue-bretagne-triathlon.com
pin-ups.ca
pinups.cl
tributementorship.com
urbanofficearchitecture.com