पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के संस्थापक इमरान खान, अगस्त 2023 से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं. उन्होंने शनिवार 24 मई को एक अहम बयान दिया. उन्होंने कहा कि वे केवल सैन्य प्रतिष्ठान से बातचीत के लिए तैयार हैं, न कि वर्तमान पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) सरकार से, जिसे उन्होंने “कठपुतली” करार दिया.
वकीलों के जरिए संदेश साझा
इमरान खान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के माध्यम से अपने वकीलों के जरिए यह संदेश साझा किया. उन्होंने PML-N सरकार को अवैध और “फॉर्म-47 द्वारा स्थापित” बताया और कहा कि यह केवल सत्ता में बने रहने की कोशिश कर रही है, जबकि इसके पास कोई असली अधिकार नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि बीते दो महीने पूरी तरह बर्बाद हुए हैं और इस सरकार से कोई संवाद करना अर्थहीन है.
इमरान खान ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ दर्ज केस फर्जी हैं और PTI कार्यकर्ताओं को दबाव में पार्टी से अलग करने की साजिशें की जा रही हैं. उन्होंने दावा किया कि अब पाकिस्तान में “कानून का राज” खत्म हो गया है और जंगल का कानून चल रहा है. 9 मई 2023 की घटनाओं को उन्होंने “फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन” कहा, जिसका मकसद PTI को खत्म करना था.
परिवार से मुलाकात पर पाबंदी की आलोचना
बातचीत की खबरों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि मुझसे किसी ने बातचीत के लिए संपर्क नहीं किया, मीडिया में आ रही खबरें पूरी तरह गलत हैं. खान ने जेल में मेडिकल सुविधाओं की कमी और परिवार से मुलाकात पर पाबंदी की भी आलोचना की, लेकिन कहा कि वह इन सब कठिनाइयों के बावजूद देश के लिए डटे रहेंगे.
उन्होंने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर पर भी निशाना साधा और फील्ड मार्शल की संभावित पदोन्नति पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें “राजा” कहना ज़्यादा उचित होगा. इमरान खान का यह बयान पाकिस्तान की राजनीति में एक और उथल-पुथल का संकेत है.
