खाड़ी के छह इस्लामिक देशों के समूह गल्फ कॉर्पोरेशन काउंसिल (GCC) ने ‘GCC Grand Tours’ नाम से एक नया टूरिस्ट वीजा जारी किया है. इस टूरिस्ट वीजा की मदद से पर्यटक समूह के सभी छह खाड़ी देशों (सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), बहरीन, कुवैत, ओमान और कतर) में 30 दिनों तक घूम-फिर सकते हैं. यह घोषणा यूएई के अर्थव्यवस्था मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल-मर्री ने की है. इस कदम का मकसद पर्यटन को बढ़ावा देना और क्षेत्र में पर्यटकों की यात्रा को आसान बनाना है.
जीसीसी ग्रैंड टूर्स वीजा को इसलिए बनाया गया है ताकि खाड़ी के इन देशों में पर्यटकों की संख्या बढ़ाई जाए. इसके जरिए पर्यटक एक ही वीजा का इस्तेमाल कर 6 देशों में घूम सकते हैं. यह वीजा यूरोपीय यूनियन के Schengen वीजा की तर्ज पर बनाया गया है जो सभी यूरोपीय संघ के देशों में पर्यटन की अनुमति देता है.
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यूरोपीय संघ के 27 देशों ने पर्यटकों की सुविधा और अपने यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शेंगेन वीजा की सुविधा रखी है. इस वीजा का इस्तेमाल कर आप शेंगेन क्षेत्र (27 देशों के संयुक्त क्षेत्र को शेंगेन कहा जाता है) में कही भी यात्रा कर सकते हैं. इस वीजा के जरिए पर्यटक वीजा के एंट्री डेट से लेकर 6 महीने की अवधि तक यूरोपीय संघ के देशों में अधिकतम 90 दिनों तक रह सकते हैं.
एकल वीजा से खाड़ी देशों की अर्थव्यवस्था को होगा फायदा
यूएई, सऊदी समेत खाड़ी के 6 देश चाहते हैं कि उनके देश में ज्यादा से ज्यादा पर्यटक आए जिससे उनका होटल सेक्टर आगे बढ़े और क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण बनकर उभरे.
एकल वीजा को लेकर खाड़ी के देशों में पिछले साल अक्तूबर से ही बातचीत चल रही थी. ओमान के हेरिटेज और टूरिज्म मंत्री सलेम बिन मोहम्मद अल मारूक ने बताया कि दिसंबर 2023 तक इस वीजा को लेकर सभी संबंधित देशों से फीडबैक लिया गया था. इस साल अप्रैल में यूएई के अर्थव्यवस्था मंत्री अल मर्री ने कहा था कि एकल वीजा अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण साबित होगा.
यूएई के अधिकारियों का अनुमान है कि जीसीसी टूरिस्ट वीजा से खाड़ी देशों में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक आएंगे. अनुमान है कि 2030 तक इन देशों में 12.87 करोड़ पर्यटक आएंगे. इससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और बिजनेस के लिए नए अवसर सामने आएंगे.