Explore

Search
Close this search box.

Search

December 12, 2024 12:00 am

लेटेस्ट न्यूज़

5 प्वॉइंट्स में समझें SC के फैसले के सियासी मायने……’यूपी, योगी, बुलडोजर और 2027

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

मनमाने बुलडोजर एक्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश को यूपी सरकार के लिए सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है. यूपी में ही 2017 में पहली बार आरोपी और दोषी व्यक्ति के खिलाफ बुलडोजर एक्शन की शुरुआत हुई थी. धीरे-धीरे कार्रवाई का यह ट्रेंड देश के अलग-अलग राज्यों में शुरू होता गया.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2022 की रैली में बुलडोजर को अपना चुनावी सिंबल भी बना लिया था. उनकी हर रैली में बुलडोजर रखा जाता था और उसे दिखाकर योगी लोगों से अपील करते थे.

Bigg Boss 18: नॉमिनेशन में शामिल हुए ये बड़े नाम……..’बिग बॉस के इन 7 सदस्यों पर गिरी गाज……

SC का फैसला योगी के लिए इसलिए भी झटका

1. रिपोर्ट्स के मुताबिक 2017 से 2024 तक पूरे देश में 1900 से ज्यादा बुलडोजर की कार्रवाई हुई है. इनमें सबसे ज्यादा बुलडोजर की कार्रवाई यूपी में हुई है. उत्तर प्रदेश में पिछले 7 साल में बुलडोजर की करीब 1500 कार्रवाई हुई है.

यूपी सरकार के मुताबिक ये सभी कार्रवाई अवैध निर्माण पर की गई है. वहीं याचिकाकर्ताओं का कहना था कि बुलडोजर की कार्रवाई मुसलमान आरोपी देखकर की गई है.

2. यूपी में बुलडोजर कार्रवाई के जरिए बीजेपी की सरकार ने क्राइम कंट्रोल को लेकर फौरी राहत पाई है. मसलन, आरोपी के घर गिरने से बैकफुट पर गई सरकार तुरंत फ्रंटफुट पर आ जाती थी. इसकी वजह से बढ़ते क्राइम के बावजूद सरकार कभी घिरी नहीं.

वहीं अब सुप्रीम फैसले ने सरकार की टेंशन बढ़ा दी है. क्राइम कंट्रोल को लेकर अब योगी सरकार को दूसरा मजबूत तरीका ढूंढना होगा.

3. बुलडोजर की कार्रवाई ने योगी आदित्यनाथ की छवि को एक कठोर प्रशासक की भी बना दी थी. उन्हें सियासी गलियारों में बुलडोजर बाबा की उपाधि दी गई थी. योगी भी इस उपाधि से खूब खुश थे और अपनी कार्रवाई को बेहतरीन कार्रवाई बताते रहे.

हाल ही में बुलडोजर एक्शन पर मचे घमासान पर योगी ने कहा था कि इसे चलवाने के लिए दिल और जिगरा की जरूरत होती है.

इतना ही नहीं, योगी अपनी हर रैली में बुलडोजर एक्शन की बखान करते रहे हैं. उनके इस बखान पर दर्शक ताली भी खूब पीटते रहे हैं, लेकिन अब सुप्रीम फैसले के बाद योगी आदित्यनाथ को अपनी छवि को मजबूत करने के लिए कोई और उपाय करने होंगे.

अब से 2 साल बाद यूपी में विधानसभा के चुनाव होने हैं. ऐसे में सरकार के लिए यह ज्यादा ही टेंशन की बात है.

4. बुलडोजर की कार्रवाई से उत्तर प्रदेश में मुसलमान मुखर नहीं थे. अब सियासी तौर पर मुखर होंगे और 2027 के चुनाव में बड़ी भूमिका निभाएंगे. पहले से ही पीडीए की वजह से बैकफुट पर चल रही योगी सरकार के लिए भी यह एक सियासी झटका साबित हो सकता है.

इतना ही नहीं योगी आदित्यनाथ के देखादेखी ही बीजेपी के अन्य राज्यों के सीएम बुलडोजर कार्रवाई को आगे बढ़ा रहे थे. इसके कारण देशभर में योगी आदित्यनाथ बीजेपी की सियासत में अन्य मुख्यमंत्रियों की तुलना में बढ़त ले रहे थे. अब ऐसा नहीं हो पाएगा.

5. यूपी के महाराजगंज में हाल ही में एक बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था. कोर्ट ने सरकार और उससे जुड़े अधिकारियों से पीड़ित परिवार को 25 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया था.

ऐसे में यूपी सरकार अब सीधे यह भी नहीं कह पाएगी कि बुलडोजर सिर्फ अवैध निर्माण पर ही चलाया गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा है?

15 प्वॉइंट्स का गाइडलाइंस जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने की बात कही है. कोर्ट ने कहा कि आश्रय का अधिकार मौलिक अधिकार है और इसे कोई अधिकारी नहीं खत्म कर सकता है.

जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आरोपी व्यक्ति को दोषी ठहराने का अधिकार न तो राज्य के पास है और न ही कार्यपालिका के पास. कोर्ट ने कहा कि हम न्याय करने के लिए बैठे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बिना नियम अगर किसी का घर तोड़ा जाता है तो संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. कोर्ट ने उन्हीं अधिकारियों से मुआवजा को लेकर जुर्माना वसूलने की बात कही है.

अनुच्छेद 142 के तहत फैसला सुनाते हुए सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि सभी राज्य बुलडोजर एक्शन को लेकर सर्कुलेशन जारी करे और अपने अधिकारियों को हिदायत दें. ऐसा न करना कोर्ट का अपमान होगा.

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर