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October 13, 2024 10:16 pm

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Ukraine-Russia War: ‘US और NATO’ सेना क्यों बना रहे सीधा एंट्री का प्लान, अब रूस-यूक्रेन युद्ध में मच सकता है कोहराम….

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एक तरफ जहां रूस और चीन यूक्रेन युद्ध को निर्णायक अंजाम देकर खत्म करने की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ NATO सहयोगी यूक्रेन की तरफ धीरे-धीरे कदम बढ़ा रहे हैं। NATO सहयोगीअब  यूक्रेन के सैन्य बलों को प्रशिक्षित करने के लिए यूक्रेन में सेना भेजने का प्लान बना रहे हैं। यह एक ऐसा कदम है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय देशों को सीधे यूक्रेन युद्ध में खींच सकता है। अब तक अमेरिका और यूरोपीय देश यूक्रेन युद्ध में सीधे हस्तक्षेप करने से बचते रहे हैं। हालांकि, रूस के खिलाफ आर्थिक से लेकर सैन्य मदद पहुंचाते रहे हैं और रूस पर कई किस्म के प्रतिबंध भी लगा चुके हैं।

संडे मॉर्निंग हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक,यूक्रेन की सेना इस वक्त सैन्यकर्मियों की भारी कमी का सामना कर रही है। इसके अलावा हाल के हफ्तों में युद्ध के मोर्चे पर यूक्रेन की स्थिति कमजोर पड़ी है और इसका लाभ उठाकर रूस कई मोर्चों पर यूक्रेन पर दबाव और बढ़त बना चुका है। कई सीमाई गांवों में रूसी सेना पहले से कई किलोमीटर आगे बढ़ चुकी है। रूस को उस स्थिति का फायदा हुआ है, जिसके तहत यूक्रेन को अमेरिकी और यूरोपीय हथियारों की खेप मिलने में देरी हुई है।

इसी मौके का फायदा उठाकर रूसी सेना ने यूक्रेन पर फिलहाल बढ़त ले रखी है। लिहाजा, यूक्रेनी अधिकारियों ने अपने अमेरिकी और सहयोगियों से अपने करीब 150,000 रंगरूटों को युद्ध के अग्रिम मोर्चे पर तैयार करने और उन्हें प्रशिक्षित करने में मदद करने की अपील की है। हालांकि, अमेरिका ने इससे साफ तौर पर इनकार किया है लेकिन अमेरिकी वायु सेना के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चीफ जनरल चार्ल्स ब्राउन जूनियर ने गुरुवार को कहा कि नाटो द्वारा  यूक्रेनी सैनिकों के प्रशिक्षकों की तैनाती अपरिहार्य प्रतीत होती है। उन्होंने कहा, “आखिरकार, समय के साथ हम वहां जरूर पहुंचेंगे।”

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जनरल चार्ल्स ब्राउन जूनियर ने ये बातें  तब कहीं, जब वह ब्रसेल्स में नाटो बैठक के लिए जा रहे थे। ब्राउन ने अपने विमान में पत्रकारों को ये जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में यूक्रेन के अंदर किसी तरह की मदद की कोशिश उन नाटो प्रशिक्षकों के लिए घातक साबित हो सकता है। तब युद्ध के मोर्चे पर कीमती एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल इन प्रशिक्षकों को बचाने में करना पड़ सकता है। इससे जमीनी स्तर पर यूक्रेनी सेना रूस के सामने और कमजोर हो जाएगी।

बता दें कि एक दिन पहले ही 16 मई को नाटो देशों के सैन्य समिति के प्रमुखों ने रक्षा मामलों पर ब्रुसेल्स स्थित नाटो मुख्यालय में बड़ी बैठक की है। नाटो के 32 सहयोगी देशों के रक्षा प्रमुखों ने यूक्रेन को निरंतर समर्थन देने पर सहमति जताई है।

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