अगर आप राजधानी एक्सप्रेस, संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस या किसी लंबी दूरी की मेल/एक्सप्रेस ट्रेन से सफर करने की तैयारी में हैं, तो यह खबर आपके लिए है. भारतीय रेलवे ने 1 जुलाई 2025 से लंबी दूरी की ट्रेनों के टिकट किराए में बढ़ोतरी कर दी है. खासकर एयर-कंडीशन्ड (AC) और नॉन-AC दोनों तरह की श्रेणियों में यह इजाफा देखने को मिलेगा. आइए जानते हैं दिल्ली से मुंबई राजधानी और दिल्ली से हावड़ा राजधानी के लिए आपको कितने ज्यादा पैसे देने होंगे?
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किन ट्रेनों पर लागू हुआ किराया बढ़ोतरी का असर?
यह बदलाव राजधानी एक्सप्रेस, संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस, दुरंतो, संपर्क क्रांति जैसी लंबी दूरी की ट्रेनों पर लागू किया गया है. इन ट्रेनों में सफर करना अब पहले से महंगा हो गया है.
दिल्ली-मुंबई राजधानी एक्सप्रेस में अब यात्रा का खर्च कितना होगा?
CSMT राजधानी एक्सप्रेस (22222) नई दिल्ली से मुंबई CSMT
- हजरत निजामुद्दीन से मुंबई CSMT तक चलने वाली CSMT राजधानी एक्सप्रेस (22222) का किराया 1 जुलाई 2025 से प्रभावी हो गया है.
- थर्ड एसी (3A) का किराया 30 जून के 3,135 रुपये से बढ़कर 1 जुलाई से 3,180 रुपये हो गया है, जो 45 रुपये की बढ़ोतरी है.
- सेकेंड एसी (2A) का किराया 4,140 रुपये से बढ़कर 4,340 रुपये हो गया है, जो 200 रुपये की तेज बढ़ोतरी है.
- फर्स्ट एसी (1A) का किराया 5,155 रुपये से बढ़कर 5,390 रुपये हो गया है, जो सभी कैटेगरी में सबसे अधिक 235 रुपये की बढ़ोतरी है.
दिल्ली-हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस में अब यात्रा का खर्च कितना होगा?
HWH राजधानी एक्सप्रेस (12302)-नई दिल्ली से HWH
- नई दिल्ली और हावड़ा (पश्चिम बंगाल) के बीच चलने वाली HWH राजधानी एक्सप्रेस (12302) में 1 जुलाई, 2025 से किराये में बदलाव किया गया है.
- थर्ड एसी (3A) का किराया 1 जुलाई, 2025 से 3,020 रुपये से बढ़कर 3,065 रुपये हो गया है- 45 रुपये की बढ़ोतरी.
- सेकेंड एसी (2A) का किराया 4,140 रुपये से बढ़कर 4,180 रुपये हो गया है, जो 40 रुपये की बढ़ोतरी को दर्शाता है.
- फर्स्ट एसी (1A) का किराया 30 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 5,155 रुपये से बढ़कर 5,185 रुपये हो गया है.
रेलवे का पक्ष
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह बढ़ोतरी सुविधाओं और संचालन लागत को ध्यान में रखते हुए की गई है. इसका उद्देश्य रेलवे सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखना और नई तकनीकों को लागू करने में मदद करना है.
यात्रियों पर असर
इस कदम का सबसे ज्यादा असर मध्यम और नियमित दूरी के यात्रियों पर पड़ेगा, जो अक्सर इन ट्रेनों से सफर करते हैं. खासकर त्योहारी सीजन और छुट्टियों के समय लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा.
