रविवार को यूक्रेन ने रूस पर अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया. यूक्रेन का दावा है कि उसने एक साथ 100 से ज्यादा ड्रोन भेजे, जिनमें से कई ने सीधे रूसी सैन्य ठिकानों और विमानों को निशाना बनाया. रिपोर्टों के मुताबिक इस हमले में रूस के कम से कम 40 बमवर्षक विमानों को नुकसान पहुंचा. रूसी रक्षा मंत्रालय ने भी इस हमले की पुष्टि की और इसे “आतंकी हमला” बताया. मंत्रालय के मुताबिक यूक्रेन ने मुरमांस्क, इरकुत्स्क, इवानोवो, रियाज़ान और अमूर जैसे इलाकों में हमले किए.
रूस के पूर्व ऊर्जा उपमंत्री व्लादिमीर मिलोव, जो पहले पुतिन सरकार में काम कर चुके हैं, ने CNN को दिए इंटरव्यू में कहा कि यह हमला रूसी सुरक्षा तंत्र की नाकामी को उजागर करता है. उनके मुताबिक यह रूस के लिए बहुत बड़ी शर्मिंदगी की बात है. उन्होंने दावा किया है कि रूस की ओर से जल्द ही यूक्रेन पर जोरदार और आक्रामक कार्रवाई की जा सकती है.
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पहले भी रूस को लगे हैं झटके
मिलोव ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब यूक्रेन ने रूस को इस तरह चौंकाया है. इससे पहले भी यूक्रेनी सैनिकों ने कुर्स्क क्षेत्र में लंबे समय तक कब्जा बनाए रखा था. मॉस्को के आसपास के एयरबेस पर यूक्रेनी ड्रोन हमले अब आम हो चुके हैं. मिलोव के मुताबिक, अगर हर दिन नहीं तो हफ्ते में एक-दो बार रूसी सैन्य ठिकाने यूक्रेनी हमलों का शिकार हो रहे हैं.
रूसी मीडिया और अधिकारी बौखलाए
हमले के बाद रूस के सरकारी मीडिया और अधिकारियों में भारी गुस्सा देखा जा रहा है. मिलोव के अनुसार, रूसी टेलीविज़न पर अब रोष का माहौल है. लोग बदले की मांग कर रहे हैं. यहां तक कि एक पूर्व केजीबी एजेंट ने सार्वजनिक तौर पर बयान दिया कि यूक्रेन को पूरी तरह मिटा देना चाहिए. उनका कहना था कि इस अपमान की भरपाई सिर्फ यूक्रेन के सम्पूर्ण विनाश से ही संभव है.
अब क्या कदम उठा सकते हैं पुतिन?
मिलोव मानते हैं कि रूस के पास अभी बड़ी ज़मीनी कार्रवाई की क्षमता नहीं है क्योंकि सैनिकों की संख्या सीमित है. ऐसे में पुतिन फिर से यूक्रेन के शांतिपूर्ण शहरों पर मिसाइल और बमबारी कर सकते हैं. हालांकि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की फिलहाल कोई चर्चा नहीं है, लेकिन मिलोव का कहना है कि पुतिन पहले भी दिखा चुके हैं कि जब भी उन्हें सैन्य मोर्चे पर नुकसान होता है, वह बदले और बर्बरता पर उतर आते हैं.
