इंदौर, 3 जून 2025 —जिम्मी एंड जनक मगिलिगन फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर आयोजित 33वें वार्षिक पर्यावरण संवाद सप्ताह (30 मई – 5 जून) के अंतर्गत आई.ए.टी.वी. एजुकेशनल एकेडमी, देवगुराड़िया, नेमावर रोड, इंदौर में एक विशेष आयोजन हुआ जिसमें विद्यालय के सभी शिक्षक सक्रिय रूप से शामिल हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत श्रीमती शुभारंजन चटर्जी के स्वागत उद्बोधन से हुई, जिन्होंने सामूहिक प्रयासों की शक्ति पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ. जनक पलटा मगिलिगन ने इस वर्ष यूएनईपी द्वारा निर्धारित थीम “प्लास्टिक प्रदूषण खत्म करने के लिए सामूहिक प्रयास” पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा,
“स्वस्थ पर्यावरण के बिना स्वस्थ जीवन असंभव है। सामूहिक प्रयासों से ही हम प्लास्टिक प्रदूषण मुक्त स्वच्छ वायु प्राप्त कर सकते हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि यह सप्ताह इंदौर व आसपास के क्षेत्रों में जागरूकता, भागीदारी और व्यवहार परिवर्तन को जन-आंदोलन में बदलने हेतु आयोजित किया गया है।
श्री भारत सिंह, वक्ता के रूप में, ने लोगों की मानसिकता पर सवाल उठाते हुए कहा,
“हर समय और हर चीज़ को फेंकने की आदत ही सबसे बड़ा प्रदूषण है। स्वच्छ वायु सिर्फ अधिकार नहीं, हमारी जिम्मेदारी है। पहले हमें अपनी सोच को प्रदूषणमुक्त करना होगा।”
कार्यक्रम में लगभग 110 शिक्षकों ने भाग लिया और संकल्प लिया कि वे न केवल खुद, बल्कि अपने छात्रों, परिवार व समुदाय को प्लास्टिक वस्तुओं — जैसे बोतलें, टिफिन, फोल्डर आदि — के उपयोग से रोकने का प्रयास करेंगे। साथ ही, वे वैज्ञानिक और नैतिक दृष्टिकोण से इसके दुष्परिणामों को भी समझाएंगे।
एक शिक्षिका द्वारा प्रस्तुत चेतावनी स्वरूप कविता ने कार्यक्रम में गंभीरता और चेतना का नया रंग भरा:
“पृथ्वी के प्रकोप से अब तुम नहीं बच पाओगे,
प्लास्टिक तुम जलाओगे, हवा में ज़हर मिलाओगे,
पृथ्वी के कर्ज से मुक्त कभी न हो पाओगे,
आने वाली पीढ़ी को नर्क में झोंक कर जाओगे।”
कार्यक्रम का संचालन श्री रजत तिवारी ने कुशलतापूर्वक किया और आभार प्रदर्शन उपप्राचार्या श्रीमती सारिका शर्मा द्वारा किया गया।
यह आयोजन न केवल एक विचार मंच रहा, बल्कि इसे एक वास्तविक परिवर्तन के अभियान का प्रारंभ भी माना जा रहा है — एक ऐसा प्रयास जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ, सुरक्षित और टिकाऊ पर्यावरण सुनिश्चित करने की दिशा में निर्णायक साबित होगा।
