प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नागपुर दौरे के बाद भाजपा के नए अध्यक्ष के लिए चुनावी प्रक्रिया तेज हो गई है। 30 मार्च को मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत की मुलाकात में नए अध्यक्ष के नाम पर चर्चा हुई है। मोदी के नागपुर से लौटने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी बातचीत हुई है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष इसी महीने मिल सकता है।
प्रधानमंत्री ने वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह, राजनाथ सिंह और संगठन महामंत्री बीएल संतोष से राज्यों के संगठनात्मक चुनाव पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने नड्डा और बीएल संतोष से कहा है कि इसी महीने भाजपा अध्यक्ष का चुनाव पूरा करें। भाजपा ने अब तक 13 राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष चुन लिए हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए 19 राज्यों में चुनाव पूरे करने जरूरी हैं।
पार्टी से मिली जानकारी के मुताबिक अगले हफ्ते तक उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत बाकी बचे अधिकांश राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी जाएगी। यानी 50 प्रतिशत राज्यों के चुनाव पूरा होने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जा सकेगा।
जेपी नड्डा को 2019 में कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था और जनवरी 2020 में वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए उनका कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ा दिया गया था। अब जब वे केंद्रीय मंत्री बन चुके हैं, तो पार्टी को नया अध्यक्ष चुनना है।
नए अध्यक्ष के सामने होंगे 12 अहम चुनाव
भारतीय जनता पार्टी के नियम के अनुसार बीजेपी अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल का होता है। एक व्यक्ति 2 बार से अधिक पार्टी का अध्यक्ष नहीं बन सकता। ऐसे में अब पार्टी के नए अध्यक्ष को 12 अहम चुनाव अपने कार्यकाल में कराने होंगे।
- 2025: बिहार विधानसभा चुनाव
- 2026:पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम विधानसभा चुनाव
- 2027: उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर विधानसभा, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव
लोकसभा चुनाव से लटक रहा चयन
■ 2019 में अमित शाह के गृहमंत्री बनते ही जेपी नड्डा को बीजेपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। 6 महीने बाद 20 जनवरी 2020 को वो सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए। नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में खत्म होना था, लेकिन इसे 2024 लोकसभा चुनाव तक बढ़ा दिया गया।
■ लोकसभा चुनाव के बाद जेपी नहा कैबिनेट मंत्री बन गए। फिर महाराष्ट्र, हरियाणा जैसे राज्यों के चुनाव के कारण नए अध्यक्ष का चुनाव लटक गया। बीजेपी के संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी कराया जा सकता है जब देश के कम से कम आधे राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव हो जाएं।
■ फरवरी के आखिरी तक 18 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए थी, जो नहीं हुई। बीजेपी के संविधान के मुताबिक कोई व्यक्ति लगातार दो टर्म के लिए अध्यक्ष चुना जा सकता है, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी नड्डा की जगह नया पार्टी अध्यक्ष चुनेगी।
