इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Filing) करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई निकल चुकी है और अब लोग रिफंड (ITR Refund) का इंतजार कर रहे हैं. कुछ लोगों को उनके रिफंड मिल भी गए हैं, लेकिन बहुत से लोग अभी भी रिफंड के इंतजार में हैं. रिफंड को लेकर हाल ही में निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने भी एक बड़ी बात कही थी. उन्होंने कहा था कि पिछले 10 सालों में इनकम टैक्स (Income Tax) रिफंड प्रोसेस होने का वक्त तेजी से कम हो गया है.
पिछले ही हफ्ते निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा था कि 2013-14 में इनकम टैक्स रिटर्न को प्रोसेस कर के रिफंड जारी करने में औसतन 93 दिन का वक्त लगता था. वहीं अगर अभी की बात करें तो साल 2023-24 में औसतन 10 दिन में लोगों को उनका रिफंड मिल जा रहा है. यहां एक बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या फिर रिफंड सिर्फ 10 दिन में प्रोसेस हो जाता है? आयकर विभाग की वेबसाइट पर तो लिखा है कि रिफंड आने में 4-5 हफ्ते लगते हैं.
हर आईटीआर नहीं होता 10 दिन में प्रोसेस
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये साफ किया कि हर आईटीआर 10 दिन में प्रोसेस नहीं होता है. आईटीआर को प्रोसेस होने में औसतन 10 दिन का समय लगता है. किसी आईटीआर फॉर्म में जितनी ज्यादा कठिनाइयां होंगी, उसे प्रोसेस करने में उतना ही अधिक वक्त लगेगा. ITR-1 की तुलना में ITR-2 अधिक मुश्किल है और ITR-2 की तुलना में ITR-3 में दिक्कतें ज्यादा हैं. ऐसे में परेशानियों से हिसाब से आईटीआर प्रोसेसिंग टाइम बढ़ता चला जाएगा.
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पहले किसे मिलता है रिफंड?
इनकम टैक्स के पूर्व चीफ कमिश्नर रामकृष्ण श्रीनिवासन के अनुसार सबसे पहले ITR-1 के रिफंड प्रोसेस किए जाते हैं. उसके बाद नंबर आता है ITR-2 का और फिर ITR-3 का. यानी जैसे-जैसे आईटीआर फॉर्म कठिन बनता जाता है, उसी तरह रिफंड को भी प्रोसेस किया जाता है. हालांकि, अगर आपने आईटीआर आखिरी तारीख पर या उसके बहुत पास आने पर भरा है, तो आपको रिफंड मिलने में देर हो सकती है. ITR-2 और ITR-3 के रिफंड, जिनमें कोई डिफेक्ट या दिक्कत ना हो, आपको वह मिलने में कुछ महीनों तक का वक्त लग सकता है.