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January 16, 2025 12:33 am

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जयपुर जिला प्रशासन ने 50 दिन में खुलवाए 400 रास्ते……..’रास्ता खोलो अभियान’ ने राह की आसान……

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जयपुर. जिले में जारी रास्ता खोलो अभियान के तहत आमजन को राहत देने का क्रम लगातार जारी है. अभियान के तहत जिला प्रशासन ने समझाइश एवं सहमति से महज 50 दिनों में गांवों, खेतों और ढाणियों के बरसों से बंद पड़े 400 रास्ते खुलवाने में कामयाबी हासिल की है. जयपुर जिले में पिछले एक सप्ताह में 47 रास्ते खुलवाए हैं.

अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं अभियान की नोडल अधिकारी सुमन पंवार ने बताया कि अभियान के तहत विगत एक सप्ताह में जयपुर जिले के समस्त तहसीलों में बरसों से बंद 47 रास्ते खुलवाए गए. जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी रास्ता खोलो अभियान के सफल क्रियान्वयन एवं अधिक से अधिक आमजन को लाभांवित करने के लिए स्वयं अभियान की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जयपुर तहसील में अब तक 4 रास्ते, कालवाड़ तहसील में 8 रास्ते, आमेर तहसील में 24 रास्ते, जमवारामगढ़ तहसील में 14 रास्ते, आंधी तहसील में 24 रास्ते, बस्सी तहसील में 15 रास्ते, तूंगा तहसील में 10 रास्ते खुलवाए गए हैं.

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वहीं, शाहपुरा तहसील में 22 रास्ते, जोबनेर तहसील में 25 रास्ते, किशनगढ़-रेनवाल तहसील में 21 रास्ते, फुलेरा तहसील में 21 रास्ते, रामपुरा-डाबड़ी तहसील में 15 रास्ते, जालसू तहसील में 14 रास्ते, चौमूं तहसील में 27 रास्ते, सांगानेर तहसील में 14 रास्ते खुलवाए गए. सुमन पंवार ने बताया कि चाकसू तहसील में 19 रास्ते, कोटखावदा तहसील में 14 रास्ते, माधोराजपुरा तहसील में 22 रास्ते, दूदू तहसील में 21 रास्ते, मौजमाबाद तहसील में 24 रास्ते एवं फागी तहसील में 42 रास्ते खुलवाए गए. सरकार की ओर से दूदू जिला निरस्त होने से दूदू में रास्ता खोलो अभियान के दौरान खुले रास्ते भी जयपुर जिले में शामिल हो गए हैं इसके कारण अभियान के दौरान खुले रास्तों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है.

उन्होंने बताया कि जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने अधिकारियों को रास्ता खोलो अभियान के तहत बंद रास्ते खुलवाए जाने के पश्चात खोले गए रास्तों पर ग्रेवेल, सी.सी. रोड बनवाये जाने की कार्यवाही भी जल्द से जल्द अमल में लाने के निर्देश दिये हैं. अधिकांश स्थानों पर ग्रेवल रोड बनाने की कार्यवाही भी शुरू की जा चुकी है. वहीं, जिन रास्तों के वाद न्यायालय में विचाराधीन है, उन परिवादियों को न्यायालय से ही राहत मिलेगी.

आपको बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रों में रास्तों की भूमि पर अतिक्रमण को लेकर जनसुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में परिवाद प्राप्त होते हैं. रास्तों को लेकर न्यायालय में भी वाद दायर किए जाते रहते हैं. ऐसे प्रकरणों में निरन्तर बढ़ोतरी होने से आमजन को न्यायालय के चक्कर लगाने एवं जन-धन की हानि होने के साथ-साथ क्षेत्र की कानून व्यवस्था भी प्रभावित होती है. इसलिए प्रशासन ने रास्ते सम्बन्धी समस्याओं के निराकरण के लिए ‘रास्ता खोलो अभियान’ चलाने का निर्णय लिया था.

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