Explore

Search
Close this search box.

Search

October 11, 2024 1:17 am

लेटेस्ट न्यूज़

FPI बढ़ने की उम्मीद, पैसा कमाने का मिलेगा मौका! अमेरिका से आई खबर का भारत पर होगा असर….

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

America Slowdown: विश्व का सुपरपावर देश अमेरिका मंदी के मुहाने पर बैठा है. अमेरिकी में अर्थव्यवस्था हिली हुई है. अमेरिका में बेरोजगारी दर में गिरावट आई है, लेकिन फेडरल रिजर्व की ओर से इस महीने ब्याज दरों में कटौती की तैयारी को देखते हुए फिलहाल नई भर्तियों में गिरावट देखने को मिली है.

अमेरिका की स्थिति देखते हुए बाजार विशेषज्ञों को उम्मीद है कि इससे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की ओर से भारत में अपना निवेश बढ़ाने की संभावना है. सितंबर की शुरुआत में मुख्य रूप से भारतीय बाजार के लचीलेपन के कारण एफपीआई द्वारा बेहतर खरीदारी देखी गई. एफपीआई ने 6 सितंबर तक एक्सचेंजों के माध्यम से इक्विटी में 9,642 करोड़ रुपये और ‘प्राथमिक बाजार और अन्य’ श्रेणी के माध्यम से 1,388 करोड़ रुपये का निवेश किया.

मोजोपीएमएस के मुख्य निवेश अधिकारी सुनील दमानिया के अनुसार, एफपीआई से होने वाला निवेश बांड समावेशन से परे कारकों की जटिल परस्पर क्रिया से प्रभावित होता है.  प्रमुख चालकों में भू-राजनीतिक गतिशीलता, अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिति, येन उधार और प्रचलित जोखिम-मुक्त रणनीतियां शामिल हैं. उन्होंने कहा, कि वैश्विक बाजार की धारणा विशेष रूप से सावधानी की ओर बढ़ी है, जैसा कि जून में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद एनवीडिया की 25 प्रतिशत की गिरावट से पता चलता है.

Health Tips: ऐसे करें बचाव……..’मोबाइल-लैपटॉप के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चे युवा हो रहे एनजाइटी का शिकार…..

अमेरिकी बाजार में नौकरी के आंकड़े 

अमेरिका में नौकरियों के नवीनतम आंकड़े अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी का संकेत दे रहे हैं, जिसके कारण सितंबर में फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ गई हैं, संभवतः 50 आधार अंकों तक की कटौती भी हो सकती है.  विश्लेषकों का कहना है कि यदि आने वाले दिनों में अमेरिकी विकास संबंधी चिंताओं का वैश्विक इक्विटी बाजारों पर असर पड़ता है तो एफपीआई इस अवसर का उपयोग भारत में खरीदारी के लिए कर सकते हैं.

संभावित अमेरिकी मंदी और चीन की चल रही आर्थिक चुनौतियों के बारे में चिंताएं निवेशकों के लिए अपने आवंटन का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए महत्वपूर्ण विचार हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जोखिम-रहित रणनीति जारी रहा तो उभरते बाजारों में एफपीआई प्रवाह में मंदी आ सकती है. अगस्त में एफपीआई ने इक्विटी में 7,320 करोड़ रुपये का निवेश किया, जबकि जुलाई में यह 32,365 करोड़ रुपये था. एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार, उन्होंने भारतीय ऋण बाजार में 11,366 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया, जिससे 2024 में अब तक ऋण खंड में शुद्ध प्रवाह 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है.

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर