क्या आने वाले दिनों में इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें पानी से भी कम होने वाली हैं? ये सवाल यूं ही नहीं उठ रहा है. खाड़ी देशों के ऑयल प्राेडक्शन ग्रुप ओपेक ने कच्चे तेल के प्रोडक्शन में इजाफा करने का ऐलान कर दिया है. जिसकी वजह से इंटरनेशनल मार्केट में खाड़ी देश और अमेरिकी ऑयल की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमतों और भी बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है. जानकार मानकर चल रहे हैं कि खाड़ी देशों के कच्चे तेल की कीमत 50 डॉलर तक आ सकती है. जिसके जवाब में भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत में 10 रुपए और बेहतर स्थिति में 15 रुपए तक की गिरावट देखने को मिल सकती है.
वैसे पेट्रोल और डीजल की कीमत में कटौती डॉलर और रुपए के बीच के किस तरह का तालमेल है वो भी अहम रहेगा. अगर रुपए में डॉलर के मुकाबले तेजी जारी रहती है और अगले दो महीने में रुपया डॉलर के मुकाबले 81 से 83 के बीच रहता है तो पेट्रोल और डीजल की कीमत में 10 से 15 रुपए की गिरावट के आसा हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि मौजूदा समय में कच्चे तेल की कीमतें कितनी हो गई हैं और आने वाले दिनों में कितनी हो सकती हैं.
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कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट
इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. भारतीय समय के अनुसार 1 बजकर 55 मिनट पर इंटरनेशनल मार्केट में खाड़ी देशों का क्रूड ऑयल ब्रेंड की कीमतें करीब दो डॉलर यानी 1.18 डॉलर की गिरावट के साथ 60.11 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रही हैं. जबकि कारोबारी सत्र के दौरान कारोबारी सत्र के दौरान कच्चे तेल के दाम 52 हफ्तों के लो के करीब 58.51 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई थी. जबकि शुक्रवार को दाम 61.29 डॉलर प्रति बैरल पर देखने को मिली थी.
वहीं दूसरी ओर अमेरिकी क्रूड ऑयल यानी डब्ल्यूटीआई की कीमतों में भी बड़ी गिरावट देखी गई है. आंकड़ों को देखें तो 2.11 फीसदी यानी 1.23 डॉलीर प्रति बैरल की गिरावट के बाद कच्चे तेल की कीमत 57.06 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई थी. जबकि कारोबारी सत्र के दौरान अमेरिकी ऑयल की कीमत 55.39 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई थी, जोकि 52 हफ्तों के लोअर लेवल के करीब थी. जबकि शुक्रवार को दाम 58.29 डॉलर प्रति बैरल पर देखने को मिली थीं.
