जयपुर. राजधानी जयपुर को मेडिकल हब के रूप में विकसित करने के लिए उच्च स्तर पर विचार चल रहा है. इसके लिए जयपुर के प्रतापनगर में मेडिसिटी बनाने की प्लानिंग की जा रही है. फिलहाल विभागीय स्तर पर चल रहे मंथन में मेडिसिटी की संभावनाओं को खंगालने के साथ ही प्राइवेट मेडिकल सेक्टर से भी चर्चा की जा रही है. राज्य सरकार की ओर कुछ माह पहले पेश किए बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र को अब तक का सर्वाधिक यानि कुल बजट का 8.26 प्रतिशत हिस्सा दिए जाने का प्रावधान किया गया था.
राजस्थान को मेडिकल ट्यूरिज्म के क्षेत्र में विकसित करने के लिए लगातार नीतिगत फैसले लिए जा रहे हैं. इस दिशा में जल्द ही पॉलिसी भी लाई जाएगी. प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को दिए जा रहे बढ़ावे और वाजिब दरों पर उपचार उपलब्ध होने से प्रदेश में मेडिकल ट्यूरिज्म की संभावनाएं तेजी से विकसित हुई हैं. राज्य सरकार नीतिगत निर्णयों के जरिए इन संभावनाओं को और अधिक विस्तार देना चाहती है. इसी कड़ी में राजधानी के प्रतापनगर स्थित आरयूएचएस के पास में मेडिसिटी बनाने की संभावनाओं को भी तलाशा जा रहा है.
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राइजिंग राजस्थान में शामिल करने के चल रहे हैं प्रयास
मेडिसिटी को लेकर चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने बताया कि जयपुर में मेडिसिटी होना बहुत आवश्यक है. राजधानी जयपुर में जनसंख्या बढ़ने और एनसीआर के नजदीक होने के कारण मेडिसिटी की आवश्यकता बढ़ गई है. उन्होंने बताया कि मेडिसिटी के लिए आरयूएचएस के पास जमीन की उपलब्धता है. मेडिसिटी को लेकर अलग अलग विभागों से मंथन चल रहा है. कोशिश है कि इसे राइजिंग राजस्थान में भी शामिल किया जा सके.
बड़े-बड़े अस्पताल एक ही क्षेत्र में स्थापित हो पाएंगे
चिकित्सा मंत्री खींवसर ने कहा कि राजधानी में मेडिसिटी बनने से बड़े-बडे अस्पताल एक ही क्षेत्र में स्थापित हो पाएंगे. इससे मरीजों को अलग अलग जगह भटकना नहीं पडे़गा और सभी सुविधाएं एक ही क्षेत्र में मिल पाएंगी. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में जयपुर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर अग्रणी शहर बन जाएगा. राइजिंग राजस्थान के लिए हमने ‘हील इन राजस्थान’ का नारा दिया है. भविष्य में मेडिकल ट्युरिज्म के लिए जयपुर में काफी संभावनाएं हैं. प्राइवेट मेडिकल सेक्टर्स भी इसमें अपनी रूचि दिखा रहे हैं.
मरीजों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा
राजधानी के प्रताप नगर में राज्य सरकार ने आरयूएचएस जैसा बड़ा चिकित्सा संस्थान स्थापित किया है. इसके अलावा आरयूएचएस के पास कुछ कॉर्पोरेट अस्पताल भी स्थापित हुए हैं. इस क्षेत्र को मेडिसिटी के रूप में विकसित करने के पीछे कई संभावनाएं हैं. एक तो मेडिसिटी बनाने से प्रदेश में मेडिकल ट्युरिज्म बढे़गा वहीं मरीजों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार भी होगा.