टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन नोएल टाटा, टाटा ट्रस्ट के तीसरे नामित सदस्य के रूप में टाटा संस के बोर्ड में शामिल हो सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आज टाटा ट्रस्ट बोर्ड की मीटिंग होने वाली है, जिसमें टाटा संस बोर्ड में तीसरे रिप्रेजेन्टेटिव को नॉमिनेट किया जा सकता है।
वेणु श्रीनिवासन और विजय सिंह वर्तमान में टाटा ट्रस्ट्स के नॉमिनेटेड सदस्य हैं। हालांकि, अभी तक टाटा ट्रस्ट की ओर से ऑफिशियल तौर पर इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी गई है।
एन चंद्रशेखरन सहित अन्य लोग टाटा संस के बोर्ड मेंबर्स
टाटा संस के बोर्ड में वर्तमान में एन चंद्रशेखरन, अजय पीरामल, राल्फ स्पेथ और हरीश मनवानी शामिल हैं। बोर्ड के अन्य सदस्यों में सौरभ अग्रवाल, लियो पुरी और अनीता मारंगोली जॉर्ज शामिल हैं। पिछले हफ्ते टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन नियुक्त किए गए नोएल टाटा, ट्रेंट, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्प और टाटा इंटरनेशनल सहित टाटा ग्रुप की अन्य कंपनियों के भी चेयरमैन तथा टाटा स्टील के वाइस चेयरमैन हैं।
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नवल टाटा की दूसरी पत्नी के बेटे हैं नोएल
नोएल नवल टाटा की दूसरी पत्नी सिमोन के बेटे हैं। वहीं रतन टाटा और जिम्मी टाटा नवल और उनकी पहली पत्नी सूनी की संतान हैं।
नोएल ने टाटा इंटरनेशनल से अपने करियर की शुरुआत की
नोएल ने यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स से पढ़ाई की है। नोएल ने टाटा इंटरनेशनल से अपने करियर की शुरुआत की। 1999 में वे ग्रुप की रिटेल शाखा ट्रेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर बनाए गए। इसे उनकी मां सिमोन ने शुरू किया था।
2010-11 में उन्हें टाटा इंटरनेशनल का चेयरमैन बनाया गया। इसके बाद उनके ग्रुप के चेयरमैन बनाए जाने पर चर्चा शुरू हो गई। इस बीच सायरस मिस्त्री ने खुद टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाए जाने की बात कही। इसके बाद सायरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया और रतन टाटा ने ग्रुप की कमान संभाली। 2018 में उन्हें टाइटन का वाइस चेयरमैन बनाया गया और 2017 में उन्हें ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल किया गया।
नोएल भाई रतन टाटा की तरह शांत व संयमित
नोएल अपने बड़े भाई रतन टाटा की तरह शांत व संयमित आचरण के लिए जाने जाते हैं। उनकी खूबी लो-प्रोफाइल नेतृत्व शैली है, जो रतन टाटा के ज्यादा सार्वजनिक रहने के नजरिये के उलट है। जहां रतन को एविएशन से लेकर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री तक काम करने का अनुभव था। वहीं, नोएल के पास अनुभव की कमी है।
जब 2011 में समूह में रतन टाटा के उत्तराधिकारी की तलाश चल रही थी, तब एक विदेशी मीडिया को दिए इंटरव्यू में रतन टाटा ने कहा था कि नोएल के पास अनुभव का अभाव था। इसलिए उनके नाम पर विचार नहीं किया गया। अंततः उनके बहनोई साइरस मिस्त्री ने उनकी जगह ली। मिस्त्री के हटने के बाद टीसीएस प्रमुख एन चंद्रशेखरन टाटा सन्स के चेयरमैन बने।
₹13.8 लाख करोड़ के रेवेन्यू वाले टाटा ग्रुप में टाटा ट्रस्ट की 66% हिस्सेदारी
टाटा ट्रस्ट की अहमियत और आकार इस तरह समझ सकते हैं कि यह टाटा ग्रुप की परोपकारी संस्थाओं का समूह है। ये 13 लाख करोड़ रुपए के रेवेन्यू वाले टाटा ग्रुप में 66% की हिस्सेदारी रखता है।
टाटा ट्रस्ट में सर रतन टाटा ट्रस्ट और एलाइड ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और एलाइड ट्रस्ट शामिल हैं। गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने वाले ये ट्रस्ट, रतन टाटा की विरासत का अभिन्न अंग हैं।