यह निर्णय शेखावत की स्मृति को सम्मान देने के लिए लिया गया है, लेकिन इसे लागू करने में प्रशासनिक बाधाएं सामने आ रही हैं। नगर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने इस देरी को अनुचित ठहराते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
जयपुर नगर निगम में प्रस्ताव पास
देश और प्रदेश में प्रमुख हस्तियों के सम्मान में सड़कों, पार्कों और सार्वजनिक स्थानों का नामकरण करने की परंपरा रही है। इसी कड़ी में जयपुर की टोंक रोड को ‘भैरों सिंह शेखावत मार्ग’ के रूप में नामित करने का प्रस्ताव जयपुर नगर निगम ग्रेटर की कार्यकारी समिति की तीसरी बैठक में सर्वसम्मति से पारित किया गया था।
यह सड़क रामबाग सर्किल से शुरू होकर नगर निगम की सीमा तक फैली हुई है। उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने बताया कि यह निर्णय स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत के योगदान को सम्मान देने और उनकी स्मृति को जीवित रखने के उद्देश्य से लिया गया है। शेखावत ने न केवल राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में बल्कि देश के उपराष्ट्रपति के रूप में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी थी।
हालांकि, इस प्रस्ताव को लागू करने में देरी हो रही है। कर्णावट ने बताया कि राज्य सरकार के 31 अगस्त 2000 के एक नोटिफिकेशन का हवाला देकर कहा जा रहा है कि सड़क का नामकरण करने से पहले संभागीय आयुक्त से अनुमति लेना अनिवार्य है। कर्णावट ने इस तर्क को निराधार बताते हुए कहा कि यह नोटिफिकेशन केवल एक प्रशासनिक दिशा-निर्देश है, न कि कोई कानूनी बाध्यता।
उन्होंने स्पष्ट किया कि राजस्थान नगर पालिका अधिनियम, 2009 की धारा 240 के तहत नगर निगम को अपने क्षेत्र में सड़कों, पार्कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों का नामकरण करने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है। इस अधिनियम के अनुसार, कोई भी अधीनस्थ नोटिफिकेशन नगर निगम की स्वायत्तता को सीमित नहीं कर सकता।
जयंति पर होगा नामकरण समारोह
कर्णावट ने कहा कि संभागीय आयुक्त से अनुमति लेना विधिक रूप से आवश्यक नहीं है और इस तरह की शर्तें लगाना नगर निगम के अधिकारों का हनन है। उन्होंने इस देरी को निगम की स्वायत्तता पर हमला करार देते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उपमहापौर ने प्रस्ताव को लागू करने के लिए रामबाग सर्किल से नगर निगम सीमा तक टोंक रोड को ‘भैरों सिंह शेखावत मार्ग’ के रूप में अधिसूचित करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, उन्होंने शेखावत की जयंती, 23 अक्टूबर 2025 को नामकरण समारोह आयोजित करने की तैयारियां शुरू करने के लिए भी कहा है।
यह प्रस्ताव न केवल शेखावत के योगदान को सम्मान देने का प्रयास है, बल्कि यह जयपुर के नागरिकों के लिए भी गर्व का विषय है। भैरों सिंह शेखावत ने राजस्थान की राजनीति और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण योजनाएं और नीतियां लागू की गईं, जिन्होंने राज्य के विकास को नई दिशा दी। उनकी स्मृति में इस सड़क का नामकरण न केवल उनके प्रति सम्मान का प्रतीक होगा, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को उनके योगदान से प्रेरणा लेने का अवसर भी प्रदान करेगा।