Explore

Search
Close this search box.

Search

November 7, 2024 9:01 am

लेटेस्ट न्यूज़

राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस विशेष: लिक्विड बायोप्सी तकनीक से समय रहते मिल सकती है बीमारी की जानकारी

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

जयपुर। कैंसर की प्रारंभिक पहचान के लिए एक नई तकनीक, जिसे लिक्विड बायोप्सी कहा जाता है, कैंसर की जांच के क्षेत्र में क्रांति ला रही है। इस तकनीक की सहायता से रोगियों के रक्त के नमूने से ही कैंसर के संकेत प्राप्त किए जा सकते हैं, जिससे पारंपरिक बायोप्सी की आवश्यकता कम हो जाती है।

भगवान महावीर कैसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के मेडिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ अजय बापना ने बताया कि लिक्विड बायोप्सी एक ऐसी विधि है जो शरीर के विभिन्न अंगों में मौजूद कैंसर कोशिकाओं के डीएनए के छोटे टुकड़ों का पता लगाती है। पारंपरिक बायोप्सी में प्रभावित ऊतकों का नमूना लिया जाता है, जो अक्सर दर्दनाक और जटिल होता है। वहीं, लिक्विड बायोप्सी रक्त के नमूने से ही कैंसर का पता लगाने में सक्षम होती है, जो इसे न केवल आसान बल्कि कम जोखिम भरा भी बनाती है।
लिक्विड बायोप्सी कैंसर की जांच के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जो आने वाले समय में कैंसर की शुरुआती पहचान और बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इससे न केवल मरीजों को राहत मिलेगी बल्कि कैंसर के खिलाफ लड़ाई में भी यह एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
लिक्विड बायोप्सी के लिए आज भी पराधीनता
भारत में धीरे-धीरे लिक्विड बायोप्सी तकनीक का विस्तार हो रहा है। चिकित्सालय के रोगियों को यह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सैम्पल दिल्ली, बेंगलुरु और अहमदाबाद की लैब में प्रोसेस होने के लिए भेजा जाता हैं। ताकि मरीजों को समय पर और सरल तरीकों से कैंसर की पहचान और उपचार मिल सके। आने वाले वर्षों में यह तकनीक कैंसर स्क्रीनिंग का एक मुख्य साधन बन जाएगी और कैंसर से होने वाली मृत्यु दर को कम करने में सहायक होगी।

कैसे काम करती है लिक्विड बायोप्सी?
लिक्विड बायोप्सी में रक्त के नमूने में मौजूद कैंसर कोशिकाओं के सर्कुलेटिंग ट्यूमर डीएनए (बजक्छ।) की पहचान की जाती है। यह डीएनए तब रक्त में प्रवेश करता है जब ट्यूमर कोशिकाएं मरती हैं और उनका जीनोमिक मटेरियल रक्त प्रवाह में मिल जाता है। इस डीएनए की पहचान से यह पता लगाया जा सकता है कि शरीर में कहीं पर ट्यूमर मौजूद है और यह किस प्रकार का है।

इसलिए महत्वपूर्ण है लिक्विड बायोप्सी
प्रारंभिक पहचानः लिक्विड बायोप्सी से कैंसर की पहचान उसके शुरुआती चरणों में ही हो सकती है, जिससे रोगियों को जल्दी उपचार मिलने का अवसर मिलता है।
कम जोखिम और दर्दः यह विधि पारंपरिक बायोप्सी की तुलना में अधिक सहज और कम जोखिम भरी है।
बहु-अंग स्किनिंगः लिक्विड बायोप्सी से एक ही परीक्षण में कई अंगों में संभावित कैंसर की जानकारी प्राप्त की जा सकती है, जिससे यह मल्टीपल कैंसर डिटेक्शन के लिए उपयुक्त है।
– कैंसर के उपचार के बाद मॉनिटरिंग में भी यह कारगर है कि बीमारी कंट्रोल में है या नहीं।

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर