भारत में क्रेडिट कार्ड्स (Credit Card) की संख्या 2028-29 तक 20 करोड़ तक पहुंच सकती है. क्रेडिट कार्ड की संख्या में बढ़ोतरी सालाना 15 फीसदी की दर से हो रही है. यह रिपोर्ट PwC ने जारी की है, जिसके अनुसार क्रेडिट कार्ड इंडस्ट्री में तगड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है. अगर सिर्फ पिछले 5 सालों की बात करें तो क्रेडिट कार्ड की संख्या दोगुनी हो चुकी है. रिपोर्ट के अनुसार आने वाले दिनों में भी यह ट्रेंड जारी रहने की उम्मीद है.
क्रेडिट कार्ड जारी होने की संख्या में तो बढ़ोतरी देखने को मिल ही रही है, साथ ही क्रेडिट कार्ड इंडस्ट्री में ट्रांजेक्शन भी तेजी से बढ़ रहे हैं. ट्रांजेक्शन वॉल्यूम में करीब 22 फीसदी की बढ़ोतरी की तेजी देखने को मिली है. वहीं अगर ट्रांजेक्शन वैल्यू के हिसाब से देखा जाए तो यह बढ़ोतरी 28 फीसदी हो चुकी है.
इस रिपोर्ट में एक बड़ी बात ये भी कही गई है कि डेबिट कार्ड के इस्तेमाल में गिरावट देखी गई है. डेबिट कार्ड ट्रांजेक्शन वॉल्यूम और वैल्यू दोनों ही तरीकों से गिरे हैं, जो ग्राहकों की प्राथमिकताओं को दिखा रहा है. वित्त वर्ष 2023-24 में डेबिट कार्ड के ट्रांजेक्शन का वॉल्यूम 33 फीसदी तक गिर गया. वहीं साल दर साल के आधार पर डेबिट कार्ड से होने वाले खर्चे करीब 18 फीसदी घट गए हैं.
डेबिट कार्ड के ट्रांजेक्शन में गिरावट की एक बड़ी वजह यूपीआई का पॉपुलर होना भी है. इसे इस्तेमाल करना लोगो के लिए बहुत आसान है और अब छोटी से लेकर बड़ी दुकानों पर तक यूपीआई काफी लोकप्रिय हो चुका है. इसके लोकप्रिय होने की एक बड़ी वजह ये भी है कि इस पर जीरो मर्चेंट डिस्काउंट रेट यानी एमडीआर लगता है. यानी वेंडर को कोई पैसा नहीं चुकाना होता है.