Explore

Search

October 16, 2025 12:27 am

महाकाल अग्निकांड: होली पर गर्भगृह में लगी आग से झुलसे… महाकाल के सेवक की अब मौत

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर में इस साल होली के दिन बड़ा हादसा हो गया था. 25 मार्च को गर्भगृह में भस्म आरती के दौरान आग लग गई थी. इस हादसे में 14 लोग झुलस गए थे. इन घायलों में से एक की अब मौत हो गई है. इनका नाम सत्यनारायण सोनी है, जो कि मंदिर के सेवक थे. इनका इलाज मुंबई के एक अस्पताल में चल रहा था. हादसा तब हुआ था, जब गर्भगृह में गुलाल उड़ाया जा रहा था.

Approved Plot in Jaipur @ 3.50 Lakh call 9314188188

महाकाल मंदिर में 25 मार्च की सुबह भस्म आरती हो रही थी. मंदिर में भगवान के जयकारे लग रहे थे. श्रद्धालु भोले की भक्ति में लीन थे, तभी 5:49 बजे गर्भगृह में आग लग गई. इस हादसे में पुजारी सहित 14 लोग झुलस गए थे. घायलों में 9 को इंदौर रेफर किया गया था. 5 का इलाज उज्जैन में ही चला. इस हादसे में गंभीर रूप से झुलसने के कारण सत्यनारायण सोनी को इंदौर के अरविंदो अस्पताल में भर्ती कराया था. लेकिन स्थिति में सुधार न होता देख अच्छे उपचार के लिए मुंबई के अस्पताल में रेफर किया गया. यहां आज सुबह उपचार के दौरान इनकी मौत हो गई. सत्यनारायण सोनी की उम्र80 वर्ष बताई जा रही है.

‘बाबा महाकाल के सच्चे सेवक थे सोनी’

मंदिर से जुड़े लोग बताते हैं कि सत्यनारायण सोनी बाबा महाकाल के सच्चे सेवक थे, जो कि भस्म आरती के लिए गर्भगृह में सफाई करना, पूजन सामग्री एकत्रित करनाया अन्य कोई भी काम… हमेशा तैयार रहते थे. बाबा महाकाल की पूजा करने के लिए भले ही कोई भी पुजारी का समय चल रहा हो, लेकिन उनके सहयोगी के रूप में सत्यनारायण सोनी सेवा देने के लिए जरूर मौजूद रहते थे.

इस अग्निकांड में झुलसे पुजारी पुत्र मनोज शर्मा (43), पुजारी संजय शर्मा (50) और सेवक चिंतामण (65) का इलाज अब भी इंदौर के अरविंदो अस्पताल में चल रहा है.

भस्म आरती के दौरान महिलाओं को घूंघट करने की आवाज लगाते थे..

सत्यनारायण सोनी महाकाल मंदिर में कई वर्षों से नियमित रूप से सुबह भस्म आरती में शामिल होते थे. आरती, पूजा के दौरान पुजारी का भी सहयोग करते थे. सोनी ही वह थे जो महाकाल मंदिर की भस्म आरती में बाहर नंदी हॉल में आकर महिला श्रद्धालुओं से निवेदन करते थे कि भगवान महाकाल की भस्मी चढ़ने वाली है. महिलाएं भस्मी चढ़ते नहीं देखती हैं. इसलिए घूंघट निकाल लें. भोलेनाथ को भस्मी चढ़ने के बाद सोनी वापस आवाज लगाकर महिलाओं से घूंघट भी हटवाते थे. मंदिर के पुजारियों के मुताबिक, सोनी बहुत मिलनसार व्यक्ति थे.

Sanjeevni Today
Author: Sanjeevni Today

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर