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May 20, 2025 3:02 am

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World Health Day 2025: बीमारियों से रहेंगे दूर…….’अच्छी सेहत चाहिए तो हर दिन इन आसान बातों का रखें ध्यान…..

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हर साल 7 अप्रैल को World Health Day मनाया जाता है. इस दिन का मकसद होता है लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना. लेकिन सच्चाई यह है कि हममें से ज्यादातर लोग तब तक सेहत की कद्र नहीं करते जब तक कोई बीमारी न आ जाए. जब डॉक्टर का चक्कर लगाना पड़ता है या दवा रोज़ की ज़िंदगी का हिस्सा बन जाती है. तभी समझ आता है कि हेल्थ कितनी कीमती चीज़ है. तो चलिए इस वर्ल्ड हेल्थ डे पर जानते हैं कि रोज की ज़िंदगी में क्या-क्या छोटी-छोटी चीज़ें अपनाकर हम बीमारियों से बच सकते हैं और शरीर को तंदरुस्त रख सकते हैं.

हम हमेशा सोचते हैं कि हेल्दी रहने के लिए जिम जाना होगा, महंगे हेल्थ सप्लिमेंट्स लेने होंगे या कोई खास डाइट फॉलो करनी होगी. जबकि एक्सपर्ट्स कहते हैं कि असली सेहत उन छोटे फैसलों में छिपी होती है जो हम रोज़ लेते हैं. जैसे सुबह उठकर खुली हवा में कुछ देर टहल लेना, घर का बना सादा खाना खाना और सोने से पहले मोबाइल से दूरी बनाना. डॉक्टरों का मानना है कि अगर हम अपनी नींद, खानपान और दिनचर्या को थोड़ा भी बेहतर बना लें, तो 80% बीमारियां तो वैसे ही पास नहीं फटकतीं.

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डॉ. पी वेंकट कृष्णन बताते हैं कि लोगों की जीवनशैली दिन-ब-दिन व्यस्त होती जा रही है.करियर की भागदौड़ में खुद के लिए वक्त ही नहीं मिल पाता है.ऐसे में जरूरी है कि हम कुछ ऐसी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें, जिनसे व्यस्त जीवनशैली के बीच भी सेहत अच्छी बनी रहे.

नींद पूरी नहीं होने पर बढ़ सकती है परेशानी

आजकल नींद जैसे गायब होती जा रही है. कोई ओटीटी सीरीज देख रहा है तो कोई फोन स्क्रॉल कर रहा है, और सुबह फिर नींद से उठना भारी लगता है. लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप रोज़ 7-8 घंटे की गहरी नींद नहीं ले रहे, तो शरीर धीरे-धीरे बीमारियों का घर बन सकता है. नींद पूरी न होने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, दिमाग ठीक से काम नहीं करता और ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ जैसी दिक्कतें धीरे-धीरे पनपने लगती हैं. तो अगली बार जब आप कहें कि सिर्फ एक और एपिसोड, तब सोचिए कि आपकी सेहत की कीमत उससे कहीं ज़्यादा है.

बाजार की चीजों को खाने से बचें

आजकल सुपरफूड का बड़ा चलन है. कोई ऐवोकाडो की बात करता है, कोई क्वीनोंआ की,लेकिन भारत जैसे देश में, जहां दाल-चावल, सब्ज़ी-रोटी जैसी चीज़ें पीढ़ियों से हमें ताकत देती आई हैं, वहाँ ये विदेशी नाम ज़रूरी नहीं. डायटिशियंस का कहना है कि हमारी थाली में अगर सीजनल सब्ज़ियाँ, दालें, रागी, जौ, बाजरा, फल और दही जैसे खाद्य पदार्थ हों तो ये किसी भी महंगे सुपरफूड से कम नहीं. और सबसे बड़ी बात इन्हें पचाना भी आसान होता है और ये जेब पर भी भारी नहीं पड़ते.

एक्सरसाइज जरूरी

कोई भी एक्सपर्ट आपको यही कहेगा कि शरीर को एक्टिव रखना सबसे ज़रूरी है. इसका मतलब यह नहीं कि आप दौड़ में हिस्सा लें या रोज़ जिम में घंटों पसीना बहाएँ. छोटे-छोटे बदलाव, जैसे लिफ्ट की बजाय सीढ़ियाँ लेना, थोड़ी देर पार्क में टहलना या घर के कामों में हाथ बंटाना ये सब शरीर को चुस्त बनाए रखते हैं. बैठे-बैठे काम करने वाले लोग अगर हर एक घंटे में बस 5 मिनट खड़े होकर थोड़ा चल लें या स्ट्रेच कर लें, तो इससे कमर और पीठ की तकलीफ़ें काफी हद तक टाली जा सकती हैं.

मानसिक सेहत का ख्याल रखें

अक्सर जब हम हेल्थ की बात करते हैं तो सिर्फ शरीर को ध्यान में रखते हैं. लेकिन मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही ज़रूरी है. तनाव, चिंता, अकेलापन. ये सब धीरे-धीरे न सिर्फ दिमाग पर असर डालते हैं, बल्कि शरीर को भी बीमार कर सकते हैं. मनोचिकित्सकों के अनुसार, अगर आप अपने दिन में कुछ मिनट सिर्फ अपने लिए रखें. चाहे वो मेडिटेशन हो, किताब पढ़ना हो या किसी अपने से दिल की बात करना तो इसका गहरा असर होता है. खुद से जुड़े रहना, अपनी भावनाओं को समझना और उन्हें खुलकर व्यक्त करना भी स्वस्थ जीवन का अहम हिस्सा है.

बच्चों और बुजुर्गों की सेहत का भी रखें ख्याल

अगर घर में बच्चे हैं तो उनके खानपान और खेलने के समय पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है. मोबाइल और जंक फूड से जितना दूर रहेंगे, उतनी ही उनकी सेहत अच्छी रहेगी. वहीं बुजुर्गों को भी अकेलापन न महसूस हो, उन्हें समय-समय पर चेकअप और सही डाइट मिलती रहे. यह देखना परिवार के बाकी सदस्यों की ज़िम्मेदारी है.

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