दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। सोमवार को उन्होंने मुख्यमंत्री दफ्तर में नई जिम्मेदारी संभाली तो इसके साथ ही एक नई बहस भी छिड़ गई है। आतिशी ने CM वाली वह कुर्सी खाली रखी जिस पर अरविंद केजरीवाल बैठा करते थे। नई सीएम ने बगल में एक ‘छोटी कुर्सी’ कुर्सी लगाई और ऐलान किया कि वह भरत की तरह ‘खड़ाऊं सरकार’ चलाने जा रही हैं। भाजपा और कांग्रेस ने इस पर जोरदार निशाना साधाते हुए संविधान का अपमान बताया है। इस बीच ‘लाइव हिन्दुस्तान’ के सर्वे में भी चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं।
Business ideas – सिर्फ MoP सीख लीजिए……..’अंबानी और AI भी आपके बिजनेस को हिला नहीं पाएंगे…..
क्या है जनता की राय
सोमवार को जब आतिशी ने यह फैसला सुनाया कि वह ‘केजरीवाल की CM वाली कुर्सी’ पर नहीं बैठेंगी और इसे खाली रखेंगी तो ‘लाइव हिन्दुस्तान’ ने एक ऑनलाइन पोल की शुरुआत की। हमने लोगों से पूछा- क्या आतिशी का ‘CM की कुर्सी’ खाली रखना ठीक है? मंगलवार सुबह 8 बजे तक पोल में 4 हजार से अधिक लोग हिस्सा ले चुके थे। जवाब देने के लिए लोगों को ‘हां’ और ‘नहीं’ के दो विकल्प दिए गए थे। पोल के आंकड़ों के मुताबिक, 74 फीसदी लोगों ने माना कि आतिशी ने ठीक नहीं किया। वहीं, 26 फीसदी लोगों ने उनके इस कदम को सही बताया है।
क्या है आतिशी की दलील
आतिशी ने कहा कि उन्होंने व्यथित मन से मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली है। उन्होंने कहा कि जिस तरह भगवान राम के वनवास जाने पर 14 साल तक भरत ने खड़ाऊं रखकर अयोध्या का शासन संभाला, उसी तरह वह भी अगले चार महीने तक दिल्ली का शासन चलाएंगी। आतिशी ने कहा कि इस दौरान केजरीवाल की कुर्सी खाली रहेगी और यह उनका इंतजार करती रहेगी। इससे पहले आम आदमी पार्टी की ओर से भी कहा गया था कि केजरीवाल की जगह जो भी सीएम बनेगा उसे चार महीने तक ‘भरत’ की भूमिका निभानी है।
भाजपा और कांग्रेस ने भी किया विरोध
सीएम बनकर भी सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठने को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने आतिशी की आलोचना की है। दोनों ही दलों ने इसे संविधान का मजाक बताया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने यह भी कहा कि आतिशी ऐसा करके केजरीवाल की चमचागिरी कर रही हैं। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने भगवान राम से अरविंद केजरीवाल की तुलना को महापाप बताते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी की बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी है।