Unified Pension Scheme: केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक नया ऑप्शन यूनिफाइड पेंशन स्कीम शुरू किया है. बता दें, ये स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू हो चुकी है. लेकिन इसमें कुछ शर्तों के अनुसार कर्मचारी को पेंशन की गारंटी दी जाएगी. लेकिन क्या आप जानते हैं यूपीएस के लिए हर महीने आपकी सैलरी से कितना पैसा कटता है.
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10 प्रतिशत योगदान देना होगा
UPS के तहत हर महीने कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी + महंगाई भत्ता (डीए) का 10 प्रतिशत योगदान देना होगा. इसमें सरकार भी उतना ही अमाउंट का योगदान करेगी. इसके लिए सरकार यूपीएस के पूल कॉर्पस में 8.5 प्रतिशत का अनुमानित एक्स्ट्रा योगदान देगी. यूपीएस का लाभ सिर्फ वो कर्मचारी ले सकते हैं जो केंद्रीय कर्मचारी 1 अप्रैल 2025 से सेवा में हैं और एनपीएस के तहत आते हैं. वो इस नई योजना का ऑप्शन सेलेक्ट कर सकते हैं. आप अपनी इच्छा के अनुसार यूपीएस में जा सकते हैं. लेकिन यूपीएस में जाने के बाद वापस से एनपीएस में नहीं जा सकते हैं.
पहले से जमा NPS अमाउंट का क्या होगा
अगर कोई कर्मचारी एनपीएस से यूपीएस में जाना चाहता है, तो उसकी अब तक का जमा अमाउंट उसी पेंशन खाता अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. यह पेंशन खाता अकाउंट यूपीएस से जुड़ा होगा और वहीं से उसकी पेंशन की सुविधा जारी होगी. इंडिविजुअल कॉर्पस यूपीएस में जुड़े हर कर्मचारी के PRAN में जमा कुल अमाउंट को दिखाता है. बेंचमार्क कॉर्पस इसे एक काल्पनिक मान है जिसे सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेंसी ने तय किया है ताकि यह देखा जा सके कि किसी कर्मचारी का कॉर्पस अमाउंट किस लेवल का है.
ये तय निवेश योजना की नेट एसेट वैल्यू पर बेस्ड होता है. UPS सरकारी कर्मचारियों को स्थिर और सेफ पेंशन देने की दिशा में अहम कदम है. इस योजना की वजह से कर्मचारियों को पारंपरिक और निवेश बेस्ड पेंशन के बीच बैलेंस बनाएगी. जो कर्मचारी आने वाले समय के लिए तय इनकम की योजना बनाना चाहते हैं, उनके लिए यूपीएस एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है.
