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May 20, 2025 3:13 am

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किनको इसका ज्यादा खतरा……..’माइग्रेन के शुरुआती लक्षण क्या हैं…….

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माइग्रेन एक गंभीर सिर दर्द है. जिन लोगों को इसकी समस्या है उन्हें इससे ज्यादा खराब कोई बीमारी नहीं लगती. माइग्रेन में सिर के एक ओर धड़कता हुआ दर्द महसूस होता है. इसके कारण दिन भर किए जाने वाले सामान्य कार्य भी प्रभावित होते हैं. माइग्रेन के कारण कई बार डिप्रेशन, तनाव और एंग्जाइटी की भी समस्या हो जाती है. माइग्रेन के शुरुआती लक्षण क्या है और इसका खतरा किन लोगों को रहता है. बता रहे हैं एक्सपर्ट.

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माइग्रेन की परेशानी उन लोगों को ज्यादा रहती है जो ज्यादा तनाव लेते हैं. माइग्रेन 4 से 72 घंटे तक रह सकता है. माइग्रेन शुरु होने से लगभग एक घंटा पहले इसके लक्षण शुरू हो जाते हैं.पहले तो सिरदर्द हल्का होता है तो धीरे-धीरे तेज होता जाता है. एक समय ऐसा आता है जब सिर के एक हिस्से में दर्द धड़कता हुआ महसूस होता है.

कुछ लोगों में यह दर्द एक से दूसरी ओर भी चला जाता है. माइग्रेन कई तरह का होता है और इसके कई कारण भी होते हैं. इन कारणों में अनुवांशिक कारण सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. जिन लोगों के परिवार में किसी को यह समस्या होती है तो उन्हें भी होने की आशंका बहुत अधिक रहती है. इसके साथ ही माइग्रेन होने के कुछ ट्रिगर भी होते हैं. जिनके संपर्क में आने से माइग्रेन शुरू हो जाता है.

शुरुआती लक्षण

माइग्रेन के चार चरण होते हैं. इनमें प्रोड्रोम, आभा (ओरा), सिर दर्द और पोस्टड्रोम. माइग्रेन सिर दर्द शुरु होने से लगभग 24 घंटे पहले प्रोड्रोम शुरु होता है. इसमें किसी बात को लेकर तनाव, अनिद्रा और चिड़चिड़ापन शामिल होता है. दूसरे चरण में स्पर्श को लेकर संवेदनशीलता बढ़ जाती है. बोलने और ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है. तीसरे चरण में सिर दर्द शुरु हो जाता है और चौथे चरण सिर दर्द धड़कता हुआ महसूस होता है. चौथा चरण 4 से 72 घंटों तक बना रह सकता है.

ऐसे करें बचाव

माइग्रेन का फिलहाल कोई स्थाई उपचार नहीं है. कुछ दवाओं के जरिए सिर दर्द को बंद किया जा सकता है. माइग्रेन के कुछ ट्रिगर होते हैं. जिनका ध्यान रखने से आप माइग्रेन से काफी हद तक बचाव कर सकते हैं. इनमें तनाव सबसे प्रमुख है. इसके अलावा तेज रोशनी, तेज आवाज और तेज गंध भी इसके ट्रिगर हैं. एल्कोहल, तंबाकू, नींद में कमी या बदलाव, हार्मोनल बदलाव और मौसम में परिवर्तन भी इसके ट्रिगर हो सकते हैं.

एक्सपर्ट के अनुसार जो लोग ज्यादा तनाव लेते हैं उन्हें माइग्रेन होने का खतरा ज्यादा रहता है. इसलिए तनाव से दूर रहे और माइग्रेन के ट्रिगर के संपर्क में आने से बचें. दिनचर्या और आहार में बदलाव करें. माइग्रेन होने पर डॉक्टर से संपर्क करें.

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