भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने 2011 में टेस्ट क्रिकेट कदम रखा था. उन्होंने इस फॉर्मेट में 14 साल तक राज करने के बाद 12 मई को अचानक संन्यास ले लिया. टेस्ट में इतने सफल बल्लेबाज और कप्तान होने के बावजूद अचानक उनका इस फॉर्मेट को छोड़ना सभी को खटक रहा है. वो भी इंग्लैंड जैसे महत्वपूर्ण दौरे से पहले उनके संन्यास का फैसला कई सवाल खड़े करता है.
कई एक्सपर्ट्स ने उनके पिछले 4-5 सालों से चल रहे खराब फॉर्म का हवाला दिया है. लेकिन क्या आपको पता असल में उनके करियर के बुरे दिन कब शुरू हुए? इसका जवाब है सौरव गांगुली से लड़ाई के बाद. 2021 में गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष थे. तब उनके और कोहली के बीच अनबन हुई थी. उसी समय कोहली की कप्तानी गई और साथ ही उनके करियर का ग्राफ गिरता ही चला गया और आज उन्हें संन्यास लेना पड़ा है. चलिए जानते हैं इस लड़ाई के बाद कोहली के करियर में क्या बदलाव आए.
लड़ाई से पहले राज करते थे कोहली
गांगुली से हुई लड़ाई के पहले विराट कोहली क्रिकेट की दुनिया में राज करते थे. हर फॉर्मेट में उनका दबदबा था. फिलहाल में सिर्फ टेस्ट क्रिकेट की बात करेंगे. 2014 में उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एमएस धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्हें कप्तानी मिली थी. उसके बाद कोहली ने कप्तान रहते हुए दमदार प्रदर्शन किया. 2019 तक उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में राज. उन्होंने बल्ले से जमकर रन बनाए. उन्होंने हर टीम को धूल चटाई. चाहे वह ऑस्ट्रेलिया हो, इंग्लैंड हो, साउथ अफ्रीका हो, वेस्टइंडीज हो या बांग्लादेश हो कोहली ने सभी टीम के खिलाफ रन बनाए. उन्होंने 2016 से 2019 तक टेस्ट मैच में सात दोहरे शतक लगाए.
कोहली ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 200, बांग्लादेश के खिलाफ 204, न्यूजीलैंड के खिलाफ 211, श्रीलंका के खिलाफ 213, इंग्लैंड के खिलाफ 235, श्रीलंका के खिलाफ 243 और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 254 रन की पारी खेली. अपनी कप्तानी में वो घर पर एक भी टेस्ट सीरीज नहीं हारे. वहीं विदेशी जमीन पर ऑस्ट्रेलिया को पटखनी दी. इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका को उनके घर में घुसकर टक्कर दी. कोहली ने 68 टेस्ट मैचों में कप्तानी की, जिसमें 40 में जीते और सिर्फ 17 में हारे, वहीं 11 मैच ड्रॉ रहे. वो भारत के सफल टेस्ट कप्तान रहे और उनकी गिनती सबसे सफल बल्लेबाजों में भी थी. लेकिन 2021 में सब बदलना शुरू हो गया.
गांगुली से लड़ाई की पूरी कहानी
सौरव गांगुली अक्टूबर 2019 में बीसीसीआई के अध्यक्ष बने. 2021 में टी20 वर्ल्ड कप के बाद वर्कलोड का हवाला देते हुए विराट कोहली ने टी20 फॉर्मेट से कप्तानी से इस्तीफा दे दिया. हालांकि, वो अभी वनडे और टेस्ट की कप्तानी जारी रखना चाहते थे. गांगुली को ये बात पसंद नहीं आई और बोर्ड ने कुछ हफ्ते बाद ही रोहित शर्मा वनडे का कप्तान बना दिया. इस दौरान बोर्ड की ओर से इसकी कोई वजह नहीं बताई गई. सिर्फ एक लाइन का बयान जारी करके नए कप्तान की जानकारी दे दी गई थी.
गांगुली का दावा था कि उन्होंने विराट कोहली से कप्तानी नहीं छोड़ने के लिए मनाया था. लेकिन वो नहीं माने. बोर्ड नहीं चाहता था कि व्हाइट बॉल के दो कप्तान हों. इसलिए ये फैसला लिया गया. लेकिन दिसंबर 2021 में कोहली ने सीधे तौर पर गांगुली के दावों को खारिज कर दिया था. कोहली ने इससे भी हैरान करने वाली बात का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि टेस्ट टीम के सेलेक्शन से सिर्फ 90 मिनट पहले उन्हें वनडे टीम की कप्तानी से हटाने की जानकारी दी गई थी.
रिपोर्ट में दावा किया गया कि खुलेआम मीडिया में इन बातों को कहने से गांगुली और बोर्ड नाराज थे. इसके बाद टीम इंडिया साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज हार गई, जिसके बाद कोहली ने टेस्ट टीम की कप्तानी भी छोड़ दी. 5 महीने के भीतर उन्हें तीनों फॉर्मेट से कप्तानी गंवानी पड़ी थी. अध्यक्ष पद से हटने के बाद आईपीएल 2023 में भी कोहली और गांगुली के बीच अनबन की खबरें सामने आई थीं. उन्होंने पोस्ट मैच प्रजेंटेशन के दौरान गांगुली को अनदेखा कर दिया था. दोनों ने एक-दूसरे को इंस्टाग्राम से भी अनफॉलो कर दिया.
लड़ाई के बाद गिरा ग्राफ
2021 में टी20 वर्ल्ड के साथ कोहली का करियर में गिरावट आना शुरू हो गया. अगले 4 साल में वो सिर्फ 4 शतक लगा सके. 2021 के बाद 35 टेस्ट में जनवरी 2025 तक वो 35 टेस्ट मैचों में 32.56 की औसत से 1889 रन ही बना सके.
