हाल ही में हुए Air India AI 171 विमान हादसे में जान गंवाने वाले कई यात्रियों के परिजन अब मुआवजे को लेकर बड़ा कदम उठाने की तैयारी में हैं. सूत्रों के अनुसार, यूके में बसे पीड़ित परिवार अब एयर इंडिया और बोइंग के खिलाफ ब्रिटिश अदालतों में केस दर्ज कराने की योजना बना रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, परिजन मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर Keystone Law नाम की यूके स्थित कानूनी फर्म के संपर्क में हैं. एयर इंडिया पहले ही 1 करोड़ रुपये का मुआवजा और अतिरिक्त 25 लाख रुपये की मदद की घोषणा कर चुकी है, लेकिन ब्रिटिश परिवार इसे अपर्याप्त मानते हैं.
Keystone Law ने कहा है कि वे एयर इंडिया के बीमा प्रोवाइडर Tata AIG द्वारा दिए गए शुरुआती मुआवजा प्रस्तावों की समीक्षा कर रहे हैं. साथ ही, वे यह भी देख रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत एयर इंडिया की क्या कानूनी जिम्मेदारियां बनती हैं.
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Montreal Convention के तहत क्या अधिकार हैं?
Montreal Convention एक अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसके तहत विमान हादसों में जान गंवाने वाले यात्रियों के परिवार उन देशों में केस कर सकते हैं: जहां एयरलाइन का संचालन होता है, या जहां मृतक की नागरिकता या स्थायी निवास हो. इस आधार पर, यूके में रहने वाले पीड़ितों के परिवार ब्रिटेन में एयर इंडिया और बोइंग के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं.
Keystone Law आने वाले सप्ताह में पीड़ित परिवारों से कई बैठकें कर रही है ताकि कानूनी रणनीति तय की जा सके. यदि तय रणनीति के अनुसार मामला मजबूत पाया गया, तो केस फाइल किया जाएगा. अगर केस दर्ज होता है, तो यह भारत के इतिहास के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय एविएशन मुआवजा मामलों में से एक बन सकता है.
12 जून को हुआ था हादसा
इस हादसे में 181 भारतीयों के साथ-साथ 52 ब्रिटिश नागरिकों की भी जान गई थी. AI 171 फ्लाइट जो कि लंदन जा रही थी, अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही मेडिकल कॉलेज के परिसर में क्रैश हो गई. इस हादसे में 242 यात्रियों और क्रू मेंबर्स में से केवल एक व्यक्ति ही बच पाया, साथ ही जमीन पर मौजूद 34 लोगों की भी मौत हो गई.
