नई दिल्ली. तनुश्री दत्ता हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में मी टू मूवमेंट का फेस थीं. उन्होंने यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाकर इंडस्ट्री में एक क्रांति की शुरुआत की थी. एक्ट्रेस ने नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न के संगीन आरोप लगाए थे जिसके चलते बॉलीवुड में जमकर हंगामा हुआ. तनुश्री दत्ता ने बताया कि कैसे एक मी टू आरोपी डायरेक्टर उनके जरिए अपनी छवि बदलना चाहते थे.
‘आशिक बनाया’ एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता ने अपने इंटरव्यू में बताया कि उन्हें अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की भारी कीमत चुकानी पड़ी है. वह कहती हैं, ‘ये जरूरी है कि हर एक्टर किसी सही बात के लिए थोड़ा-बहुत खामियाजा उठाने के लिए तैयार रहे. दिसंबर 2018 में मुझे बड़े प्रोड्यूसर ने एक फिल्म ऑफर की थी, लेकिन उसका डायरेक्टर मी टू आरोपी था इसलिए मैंने तुरंत फिल्म ठुकरा दी थी’.
छवि बदलना चाहता था डायरेक्टर
एक्ट्रेस आगे कहती हैं, ‘इन सब चीजों में किसकी हार हो रही है? मेरी. मैंने काफी लंबे समय से कोई काम नहीं किया है. मुझको पिछले साल भी कोलकाता के एक डायरेक्टर ने फिल्म ऑफर की थी, लेकिन फिर इसी वजह से मैंने ठुकरा दी. मुझे लगा वो डायरेक्टर मेरा इस्तेमाल करके अपनी छवि सुधारना चाहते हैं’.
तनुश्री दत्ता ने बताया, ‘वो मेरे पास क्यों आए थे. उन्हें लगा मी टू को काफी समय हो गया है. अब वो अगर मुझे अपनी फिल्म में कास्ट करेंगे तो लोगों को लगेगा कि मैं उनकी साइड पर हूं. मैंने फिल्म ठुकरा दी. मैंने अपने डैड से भी सुझाव लिया था ताकि मैं चीजों को बेहतर तरीके से समझ सकूं’. एक्ट्रेस कहती हैं कि उन्होंने तब आवाज उठाई, जब उन्हें काम की सबसे ज्यादा जरूरत थी और वह उम्मीद करती हैं कि बाकी लोग भी सही का साथ दे सकें.
वर्क फ्रंट पर बात करें तो तनुश्री दत्ता साल 2013 में आई फिल्म ‘तुमने ली है शपथ’ में आखिरी बार दिखी थी. इस फिल्म के बाद से एक्ट्रेस पर्दे से दूर हैं.