Small savings schemes: पीपीएफ समेत लघु बचत योजनाओं पर चालू वित्त वर्ष (जुलाई-सितंबर 2024) की दूसरी तिमाही के लिए ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं हुआ है। पीपीएफ, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, सुकन्या समृद्धि, एनएससी, अन्य छोटी बचत योजनाओं की दरें जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही के लिए घोषित की गईं। डाकघर बचत योजनाओं में सार्वजनिक भविष्य निधि, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस), सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी), डाकघर समय जमा (पीओटीडी), महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र और डाकघर मासिक आय योजना शामिल हैं।
इस फैसले का मतलब है कि मौजूदा दरें इस तिमाही के दौरान भी लागू रहेंगी। जुलाई 2024 से शुरू होकर 30 सितंबर 2024 को समाप्त होने वाली वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के लिए विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें पहली तिमाही (1 अप्रैल, 2024 से 30 जून) के लिए अधिसूचित दरों से अपरिवर्तित रहेंगी।
सरकार ने सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) एवं अन्य लघु बचत योजनाओं पर चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के लिए ब्याज दरों में कोई भी बदलाव नहीं करने की शुक्रवार को घोषणा की। एक जुलाई, 2024 से शुरू होने वाली तिमाही के लिए विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को यथावत रखा गया है।
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वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (एक जुलाई से 30 सितंबर 2024 तक) के लिए विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें पहली तिमाही (एक मार्च से 30 जून 2024 तक) के लिए अधिसूचित दरों के समान ही रहेंगी।’’ अधिसूचना के मुताबिक, सुकन्या समृद्धि योजना के तहत जमा पर 8.2 प्रतिशत की ब्याज दर मिलेगी, जबकि तीन साल की सावधि जमा पर दर 7.1 प्रतिशत रहेगी। पीपीएफ और डाकघर बचत जमा योजना की ब्याज दरें भी क्रमश: 7.1 प्रतिशत और चार प्रतिशत पर बनी रहेंगी।
किसान विकास पत्र पर ब्याज दर 7.5 प्रतिशत होगी तथा यह निवेश 115 महीनों में परिपक्व होगा। जुलाई-सितंबर 2024 की अवधि के लिए राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) पर ब्याज दर 7.7 प्रतिशत रहेगी। सितंबर तिमाही में भी डाकघर मासिक आय योजना के निवेशकों को पहले की तरह 7.4 प्रतिशत ब्याज देगी। सरकार हर तिमाही में डाकघरों और बैंकों द्वारा संचालित लघु बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों को अधिसूचित करती है।
लघु बचत योजना की ब्याज दरें कैसे निर्धारित की जाती हैंः
सरकार नियमित रूप से हर तिमाही में लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों का मूल्यांकन करती है। श्यामला गोपीनाथ समिति ने इन दरों को निर्धारित करने की पद्धति प्रस्तावित की थी। समिति की सिफारिशों के आधार पर विभिन्न योजनाओं के लिए ब्याज दरें 25 से 100 आधार अंक ऊपर निर्धारित होने की उम्मीद है।
सरकार ने 31 दिसंबर, 2023 तिमाही के लिए कुछ छोटी बचत या डाकघर योजनाओं की ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला किया था। ध्यान देने वाली बात यह है कि आवर्ती जमा दर को छोड़कर सभी योजनाओं की ब्याज दरों को उनके पिछले स्तर पर बनाए रखा गया है। अप्रैल-जून 2020 तिमाही से पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 प्रतिशत पर अपरिवर्तित बनी हुई है।