Share Market Down: भारतीय शेयर बाजारों में आज सोमवार 3 फरवरी को तगड़ी गिरावट आई। बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 731 अंक टूटकर 76,774.05 पर पहुंच गया। वहीं निफ्टी 243 अंक या 1.03 फीसदी का गोता लगाकर 23,239.15 के स्तर पर आ गया। सबसे अधिक गिरावट कैपिटल गुड्स, पावर, यूटिलिटी और इंडस्ट्रियल्स शेयरों में देखने को मिली। यहां तक कि कंज्यूमर ड्यूरेबल्स को छोड़कर बाकी सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी लाल निशान में थे। छोटे और मझोले शेयरों में भी निवेशकों को खूब नुकसान हुआ। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 0.7 फीसदी, वहीं स्मॉलकैप इंडेक्स 1.6 फीसदी तक लुढ़क गया।
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मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार की इस गिरावट के पीछे 4 मुख्य कारण रहे-
ट्रम्प टैरिफ ने ग्लोबल ट्रेड वार की आशंकाएं बढ़ाई
शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे सबसे मुख्य अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ ऐलान रहे, जिसने ग्लोबल लेवल पर निवेशकों को सेंटीमेंट कमजोर किया है। ट्रंप ने वीकेंड पर कनाडा, मैक्सिको और चीन पर नए टैरिफ लगाने का ऐलान किया। कनाडा और मैक्सिको पर 25 पर्सेंट टैरिफ लगाया गया है। वहीं चीन पर 10 प्रतिशत ड्यूटी लगाया है। इस कदम ने ग्लोबल लेवल पर व्यापर के समीकरणों के बिगड़ने और जवाबी कार्रवाई की आशंकाओं को जन्म दे दिया है। । कनाडा और मैक्सिको ने तुरंत जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है। वहीं चीन ने कहा है कि वह वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) में इस फैसले को चुनौती देगा।
इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरों में आज 3 फरवरी को भारी बिकवाली देखने को मिली। इसके चलते इसका सेक्टोरल इंडेक्स 2.3 प्रतिशत तक गिर गया। यह गिरावट इसलिए आई क्योंकि सरकार ने बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर में मामूली बढ़ोतरी की, जो निवेशकों को पंसद नहीं आया। बाजार यह उम्मीद लगा रहा था कि सरकार कैपेटिल एक्सपेंडिचर के मोर्चे पर अपना फोकस बढ़ाएगी। इस मायूसी के चलते आज कारोबार के दौरान L&T के शेयर 4.42 फीसदी तक गिर गए। वहीं देश की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी अल्ट्राटेक का शेयर 2 फीसदी नीचे आ गया। इरकॉन इंटरनेशनल भी कारोबार के दौरान 5% तक टूट गया।
3. डॉलर के मुकाबले नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा रुपया
डोनाल्ड ट्रंप के ऐलानों के बाद डॉलर के मुकाबले अधिकतर एशियाई करेंसी की वैल्यू में गिरावट आई। भारतीय रुपया भी पहली बार 87 रुपये प्रति डॉलर के स्तर से नीचे चला गया। सोमवार को कारोबार के दौरान रुपया 0.5 प्रतिशत 87.07 के नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। व्यापारियों को डॉलर की मजबूत मांग के बीच इसमें और गिरावट की उम्मीद है।
4. FIIs की बिकवाली अभी भी जारी
इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की लगातार बिकवाली भी शेयर बाजार पर दबाव बनाए हुए हैं। बजट के दिन शनिवार 1 फरवरी को भी विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में 1,327.09 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। इससे पहले जनवरी में उन्होंने कुल 87,374.66 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाली की। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार का ध्यान अब वापस कंपनियों के तिमाही नतीजों और 7 फरवरी को आने वाली आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी के नतीजों पर आ गया है। बाजार को उम्मीद है कि मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी 7 फरवरी को ब्याज दरों में कुछ कटौती का ऐलान कर सकता है, जिससे बाजार में नकदी बढ़ सकती है।
5. क्या कहता है टेक्निकल सेटअप?
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, रिसर्च अजीत मिश्रान ने कहा कि टेक्निकल चार्ट पर निफ्टी ने अंतिम कारोबार के दौरान अपने 200-दिनों के एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (DEMA) के अहम रेजिस्टेंस लेवल को टेस्ट किया और वहां से ये नीचे आ गया। नीचे की ओर से इंडेक्स के लिए 23,000-23,300 पर अहम सपोर्ट है। वहीं ऊपर की ओर से 23,650 के पार जाने रिकवरी देखने को मिल सकत है। फिलहाल बाजार में सेक्टोरल इंडेक्स के मिलजुले रहने की उम्मीद है। ब्याज दरों और कंज्म्पशन से जुड़े स्टॉक्स फोकस में रह सकते हैं।
