Rajasthan By Election Results 2024: राजस्थान में 13 नबंवर को हुए विधानसभा उपचुनाव को लेकर सात सीटों पर रिजल्ट आ गया है। इन सात सीटों में से बीजेपी ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 5 सीटें जीती है। वहीं, कांग्रेस ने एक और भारतीय आदिवासी पार्टी ने भी एक सीट पर जीत दर्ज की है। इस उपचुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है।
बता दें कि बीजेपी ने झुंझुनूं, खींवसर, देवली-उनियारा, सलूंबर, रामगढ़ में जीत का परचम लहराया है। वहीं, कांग्रेस को दौसा और बाप को चौरासी में जीत से संतोष करना पड़ा है। भाजपा ने न सिर्फ अपनी एक सीट बचाई, बल्कि कांग्रेस और आरएलपी के किले को भी ढहा दिया। उपचुनावों में भाजपा की गत तीन दशक में यह अब तक की सबसे बड़ी जीत है। इस जीत से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का कद बढ़ा है।
पहली: विधानसभा उपचुनाव में जीतने वाले सात विधायकों में से छह विधायक ऐसे हैं, जो पहली बार चुनकर विधानसभा में पहुंचेंगे। देवली-उनियारा के विधायक राजेन्द्र गुर्जर पहले भी विधायक रह चुके हैं।
दूसरी: उपचुनाव में ओला और बेनीवाल परिवार को बड़ा झटका मिला है। दोनों ही 16 साल बाद अपनी सीटों को नहीं बचा सके। झुंझुनूं सीट कांग्रेस बृजेन्द्र ओला परिवार और खींवसर सीट हनुमान बेनीवाल परिवार के गढ मानी जाती थी। झुंझुनूं सीट पर तो ओला परिवार को इस उपचुनाव की सबसे बड़ी हार मिली है। ओला परिवार झुंझुनूं सीट पर 2008 से लगातार जीतता आ रहा था। इसी तरह खींवसर सीट भी 2008 से हनुमान बेनीवाल परिवार के पास ही रही। इस बार दोनों परिवार अपना सियासी वजूद नहीं बचा सके।
तीसरी: 7 सीटों पर हुए उप चुनाव में भाजपा को 5 तो कांग्रेस-बीएपी को एक-एक सीट मिली है। कांग्रेस चार सीटों पर तो तीसरे नंबर पर रही। वहीं, खींवसर में कांग्रेस की रतन चौधरी की जमानत जब्त हो गई है। भाजपा की यह तीन दशक में उपचुनावों में सबसे बड़ी जीत बताई जा रही है।
चौथी: राजस्थान उपचुनाव में कांग्रेस ने रामगढ़ और झुंझुनूं, आरएलपी ने खींवसर और भाजपा ने सलूंबर व दौसा सीट पर परिवार में टिकट दिया। लेकिन इन सभी सीटों में से सिर्फ भाजपा सलूंबर में जीत सकी। दौसा में भाजपा के जगमोहन मीना चुनाव हार गए। आरएलपी की कनिका बेनीवाल खींवसर से हार गईं। वहीं, रामगढ़ से कांग्रेस के आर्यन जुबेर खान तो झुंझुनूं से कांग्रेस के अमित ओला चुनाव गए।
पांचवी: इस चुनाव से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ का कद बढ़ेगा। वहीं, दौसा सीट पर किरोड़ी लाल मीना और सचिन पायलट की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी। ऐसे में किरोड़ी लाल मीना की सांख और कम वोटों से जीतने पर पायलट की सांख पर भी सवाल उठेंगे।