Rajasthan News: रेलवे हमारे देश की जीवन रेखा मानी जाती है और लोको पायलट वास्तव में रेलवे की धुरी हैं. भारतीय रेल में संचालित होने वाली हजारों यात्री ट्रेनों और मालगाड़ियों के संचालन का पूरा जिम्मा लोको पायलटों के कंधों पर होता है. लोको पायलट हर तरह के मौसम में हर वक्त पूर्ण सतर्कता के साथ अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं. सुरक्षित ट्रेन संचालन को बढ़ावा देने के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे भी लोको पायलटों के लिए तमाम सुविधाएं मुहैया करा रहा है.
रनिंग स्टाफ के लिए 23 लोको लॉबी एवं 20 रनिंग रूम
उत्तर पश्चिम रेलवे पर लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और रनिंग स्टाफ के 4985 पद स्वीकृत हैं. वर्तमान में 3827 कार्मिक कार्यरत हैं. बचे हुए 1158 पदों पर विभिन्न चरणों में रेलवे भर्ती बोर्ड और विभागीय परीक्षाओं के जरिए भर्ती प्रक्रिया जारी है. लोको स्टाफ की सुविधा के लिए उत्तर-पश्चिम रेलवे महाप्रबंधक अमिताभ के निर्देशन में कवायद जारी है. यहां रनिंग स्टाफ के लिए कुल 23 लोको लॉबी एवं 20 रनिंग रूम बनाए गए हैं. जयपुर मण्डल पर जयपुर, बांदीकुई, फुलेरा एवं रेवाड़ी में लोको लॉबी और रनिंग रूम दोनों ही बनाए गए हैं. यहां स्थानीय मुख्यालय के अतिरिक्त दूसरे मुख्यालय से आने वाले रनिंग स्टाफ को आराम देने के लिए भी रनिंग रूम की सुविधा उपलब्ध है.
लॉबी में क्या हैं उपलब्ध सुविधाएं
रनिंग स्टॉफ को लॉबी से जुड़े हुए एक एसी रेस्ट रूम की व्यवस्था, यहां ट्रेन के लेट होने की स्थिति में रेस्ट करना संभव, लॉबी एवं रेस्ट रूम वातानुकूलित, आरओ एवं वाटर कूलर युक्त पेयजल की सुविधा, लॉबी में सीयूजी फोन की सुविधा, वहीं रनिंग रूम में बेहतर साफ-सफाई एवं कीटाणु रहित एसी शयनकक्ष, प्रत्येक स्टाफ के बदलते ही लिनन बदलने की व्यवस्था, कमरों में पर्याप्त रोशनी/हवा हेतु वेन्टिलेशन, मेडिटेशन रूम, पत्र-पत्रिकाओं की सुविधा, खाना पकाने के लिए हाइजेनिक रसोई की व्यवस्था, रनिंग स्टाफ के लिए सब्सिडाइज दरों पर भोजन की उपलब्धता, रेफ्रिजरेटर/आयरन/वाशिंग मशीन की व्यवस्था, महिला रनिंग स्टाफ के लिए अलग कमरों एवं टॉयलेट की व्यवस्था, सभी रनिंग रूम में क्रू मैनेजमेंट प्रणाली की व्यवस्था रहेगी.
यात्री ट्रेन में अधिकतम 8 घंटे की ड्यूटी
भारतीय रेलवे में लोको पायलट के ड्यूटी घंटों को निर्धारित किया गया है. यात्री ट्रेन में अधिकतम 8 घंटे और मालगाड़ियों में अधिकतम 10 घंटे ही ड्यूटी की जा सकती है. इसके बाद उन्हें विभिन्न रनिंग रूम यानी विश्राम गृह में आराम दिया जाता है. रनिंग स्टाफ को अपने मुख्यालय पर 16 घंटे एवं रनिंग रूम में 8 घंटे विश्राम के बाद अगली गाड़ी में बुकिंग की जाती है. लोको पायलट नियमानुसार आराम के घंटे पूर्ण करने के पश्चात् ही ड्यूटी पर बुलाये जाते हैं. रनिंग स्टाफ को ड्यूटी पर बुलाने के लिए निश्चित समय पूर्व कर्मचारी को रेलवे द्वारा दिए गए सीयूजी फोन पर मैसेज एवं कॉल कर सूचना दी जाती है. ड्यूटी ऑन होने से पूर्व सभी रनिंग स्टॉफ को कम्प्यूटरीकृत लॉबी में साइन ऑन करना होता है, जहां उन्हें ड्यूटी पर जाने वाली गाड़ी संबंधी सभी सूचनाएं एवं रेलखण्ड के गति प्रतिबंधों के बारे में जानकारी दी जाती है. साइन ऑन से पूर्व सभी रनिंग स्टाफ को अल्कोहल एवं अन्य नशे की जांच के लिए ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट भी किया जाता है. पूर्ण स्वस्थ एवं सभी कार्यवाही पूरी करने के बाद ही लोको पायलट को ट्रेन में ऑन ड्यूटी किया जाता है.
