Rajasthan News : अक्षय ऊर्जा (सोलर-विंड) में राजस्थान का बड़ा निवेश होने जा रहा है। देश में पहले पायदान पर खड़े प्रदेश में आगामी दो से तीन साल में 42 हजार मेगावाट से ज्यादा सोलर, विंड और पम्प स्टाेरेज के बड़े प्रोजेक्ट लगने जा रहे हैं। इसमें तीन बड़े सोलर पार्क भी हैं, जिन्हें केन्द्र सरकार मंजूरी दे दी है। ऐसे सभी प्रोजेक्ट के धरातल पर काम शुरू हो चुके है। इसके बाद राजस्थान अक्षय ऊर्जा में 67 हजार मेगावाट से क्षमता के साथ सिरमौर रहेगा। अभी प्रदेश में 25266 मेगावाट क्षमता के अक्षय ऊर्जा के प्लांट लगे हुए हैं। इसमें से करीब दस हजार मेगावाट बिजली का प्रदेश में ही उपयोग हो रहा है और बाकी दूसरे राज्यों में सप्लाई की जा रही है। अक्षय ऊर्जा निगम का दावा है कि गुजरात में 30 हजार मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क विकसित होने पर भी राजस्थान सबसे आगे ही रहेगा। उधर कर्नाटक भी तेजी से काम कर रहा है।
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इस तरह सिरमौर रहने का दावा…
1. ये लगा रहे सोलर पार्क
– राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम- 2000 मेगावाट
– अक्षय ऊर्जा निगम- 2100 मेगावाट
– ट्रेडको एवं अक्षय ऊर्जा निगम का संयुक्त प्रोजेक्ट- 1292 मेगावाट
2. इन प्रोजेक्ट पर चल रहा काम
– अडानी, जेएसडब्ल्यू, ग्रीनको, रिन्यू पावर, एनटीपीसी, एसपीसीएल-मित्तल, सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) जैसे कई बड़ी कंपनियां प्रदेश में 28 से 30 हजार मेगावाट क्षमता के अक्षय ऊर्जा के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। ज्यादातर मामलों में जमीन पर काम शुरू हो चुका है।
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– प्रदेश के पांच लाख घरों की छत पर सोलर पैनल लगाने की बजट घोषणा है। इसके जरिए 1500 मेगावाट बिजली उत्पादन हो सकेगा।
– कुसुम-सी प्रोजेक्ट में 4 हजार मेगावाट के प्रोजेक्ट के लिए टेंडर हो चुके हैं।
– सबसे बड़ा अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क बनाने का मसौदा फाइनल। एनटीपीसी, सेकी और राज्य सरकार मिलकर काम करेंगे।
देश में अक्षय ऊर्जा में कौन-कहां
1. राजस्थान- 25266 मेगावाट
2. गुजरात- 24204 मेगावाट
3. कर्नाटक- 22294 मेगावाट
राजस्थान में अक्षय ऊर्जा प्लांट
-19527 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट
– 5200 मेगावाट के विंड प्लांट
-128 मेगावाट के बायोमास प्लांट
– 411 मेगावाट के हाइड्रो प्लांट
यह हमारी ताकत
देश में सबसे ज्यादा रेडिएशन (सौर ऊर्जा) राजस्थान में है। यहां प्रति वर्गमीटर एरिया से हर साल 5.72 यूनिट सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है। जबकि, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित अन्य राज्य हमसे काफी पीछे है। इसलिए देश-विदेश की बड़ी कंपनियां राजस्थान आ रही हैं।