Rahul Gandhi News: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को भारत की जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि जब तक देश के संसाधनों का लाभ केवल कुछ अरबपतियों तक सीमित रहेगा, भारत की अर्थव्यवस्था आगे नहीं बढ़ सकती. राहुल ने जीडीपी वृद्धि दर के दो साल के निचले स्तर 5.4 फीसदी पर पहुंचने को लेकर यह बयान दिया.
आर्थिक विकास के लिए नई सोच की जरूरत
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि देश को एक नई आर्थिक सोच और व्यवसायों के लिए नई नीतियों की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, “सभी को समान अवसर मिलेगा, तभी अर्थव्यवस्था प्रगति करेगी.” राहुल ने कहा कि मौजूदा आर्थिक स्थिति में केवल कुछ अरबपति फायदे में हैं, जबकि किसान, मजदूर, मध्यम वर्ग और गरीब वर्ग विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं. उन्होंने महंगाई और बेरोजगारी को लेकर भी गंभीर चिंता व्यक्त की.
Stage 4 Cancer: जानें क्या है दावा……..’इन देसी चीजों से सिद्धू की पत्नी ने दी कैंसर को मात……
महंगाई और कीमतों में बढ़ोतरी
राहुल गांधी ने कहा कि खुदरा महंगाई दर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 फीसदी पर पहुंच गई है. आलू और प्याज की कीमतों में पिछले साल के मुकाबले लगभग 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. राहुल ने बताया कि रुपया 84.50 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर है और बेरोजगारी दर पिछले 45 वर्षों में सबसे ज्यादा हो गई है. उन्होंने यह भी कहा कि मजदूरों, कर्मचारियों और छोटे व्यापारियों की आय या तो ठहर गई है या घट गई है.
घटती मांग और आर्थिक असंतुलन
राहुल गांधी ने कहा कि आमदनी में गिरावट के कारण मांग घट रही है. उन्होंने उदाहरण दिया कि 10 लाख से कम कीमत वाली कारों की बिक्री में कमी आई है. साथ ही, किफायती घरों की हिस्सेदारी भी पिछले साल 38% से घटकर अब 22% रह गई है. कांग्रेस नेता ने नोटबंदी और जीएसटी के प्रभाव पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि इन कदमों ने विनिर्माण क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया है, और इसका हिस्सा 50 वर्षों में सबसे कम 13% रह गया है.
नई नौकरियों और निवेश की कमी
राहुल गांधी ने चिंता जताई कि मौजूदा आर्थिक नीतियों से नई नौकरियों के अवसर नहीं बन रहे हैं. उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक नई सोच की जरूरत पर बल दिया. अंत में राहुल गांधी ने कहा कि जब तक देश में सभी वर्गों को समान अवसर और न्याय नहीं मिलेगा, तब तक आर्थिक विकास असंभव है. उन्होंने सरकार से आर्थिक नीतियों में सुधार की मांग की.