PMAY Gramin Survey: देश भर में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लिए सर्वेक्षण चल रहा है। यह सर्वेक्षण ‘आवास प्लस’ मोबाइल एप से माध्यम से किया जा रहा है। इस सर्वेक्षण की खास बात यह है कि लाभार्थी खुद अपना सर्वेक्षण कर सकते हैं। देश के ग्रामीण क्षेत्रों में सभी परिवारों को पक्के घर देने के उद्देश्य से शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण को बुधवार को आठ साल पूरे हो गए।
ग्रामीण विकास मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, हमें ऐसी शिकायतें मिली थीं कि सर्वेक्षण करने वाले व्यक्ति ने कुछ लोगों का सर्वे ही नहीं किया। इस तरह की शिकायतों को दूर करने के लिए ‘आवास प्लस’ एप में यह प्रावधान किया गया है कि जो लोग सर्वेक्षण में किसी कारण छूट गए हैं, वे खुद का सर्वेक्षण करके एप पर ‘अपलोड’ कर सकते हैं।
सूत्रों ने बताया कि इसके लिए आधार के जरिए सत्यापन किया जाएगा। साथ ही एक व्यक्ति एक ही बार सर्वेक्षण कर सकता है। उन्होंने बताया कि इससे देश भर में सर्वेक्षण करने के लिए 2.60 लाख लोगों को लगाया गया है जिनका हाल ही में प्रशिक्षण पूरा हुआ है।
PMAY – Grameen आधार योजना की तरह काम कर रही है
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin) देश में आधार योजना की तरह काम कर रही है। लाभार्थी को केवल घर बनाने के लिए ही सहायता नहीं मिलती है बल्कि उसे घर में शौचालय बनाने के लिए 12 हजार रुपये, 90 से 95 दिनों की मनरेगा मजदूरी, जल जीवन मिशन के तहत ‘नल से जल’, उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन और अब सूर्य घर जैसी योजना का भी लाभ मिल रहा है।
इस योजना में महिला सशक्तिकरण पर भी विशेष ध्यान दिया गया है, जिसमें 74 फीसद स्वीकृत घरों का स्वामित्व पूरी तरह से या संयुक्त रूप से महिलाओं के पास है। अब इस योजना का लक्ष्य महिलाओं को 100% स्वामित्व प्रदान करना है। कुशल रोजगार भी प्राथमिकता रही है, लगभग तीन लाख ग्रामीण राजमिस्त्रियों को आपदा-रोधी निर्माण में प्रशिक्षित किया गया है, जिससे उनकी रोजगार क्षमता में वृद्धि हुई है।
पीएमएवाई-जी (PMAY Gramin) के तहत सरकार ने 3.32 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा है। 19 नवंबर, 2024 तक 3.21 करोड़ घरों को मंजूरी दी जा चुकी है और 2.67 करोड़ घर बनकर तैयार हो चुके हैं, जिससे लाखों ग्रामीण परिवारों की जीवन स्थितियों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।इस योजना की समावेशिता को बढ़ाने के लिए, बहिष्करण मानदंड को 13 से घटाकर 10 कर दिया गया है। मछली पकड़ने वाली नाव या मोटर चालित दोपहिया वाहन के स्वामित्व जैसी शर्तों को हटा दिया गया है, और आय सीमा को बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है।