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May 20, 2025 3:15 am

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पर्सनैलिटी बनेगी दमदार……’बच्चे को मोबाइल की नहीं बल्कि इस चीज की आदत डलवाएं, नन्हे की याददाश्त रहेगी दुरुस्त……

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किताबों को इंसानों का सच्चा दोस्त कहा जाता है लेकिन अब किताबें लोगों से दूर होने लगी हैं. आज की जनरेशन के बच्चे तो इनसे कोसों दूर हैं. जबकि किताबें पढ़ने की आदत उनकी पर्सनैलिटी को डेवलप करने के लिए जरूरी हैं. आज पैरेंट्स बच्चों को उनके हाथों में किताबों की बजाय मोबाइल थमा देते हैं जो उनके दिमाग के विकास पर बुरा असर डालता है. इसलिए बचपन से ही उनमें बुक रीडिंग की आदत डालना जरूरी है.

पैरेंट्स खुद से करें शुरुआत

पैरेंटिंग एक्सपर्ट क्षिप्रा अरोड़ा कहती हैं कि हर बच्चा अपने माता-पिता को देखकर चीजें सीखता है. पैरेंट्स को अपने दिन की शुरुआत अखबार पढ़ने से करनी चाहिए. उन्हें बच्चे को अपने साथ बैठाना चाहिए और उनके सामने अखबार या मैगजीन पढ़नी चाहिए ताकि बच्चा हर माहौल में सहज हो सके. बच्चे को भी अखबार पढ़ने में शामिल करें. अगर छोटा बच्चा है तो उसे तस्वीर दिखाएं और बच्चा पढ़ सकता है तो उन्हें खेल-खेल में खबर पढ़कर सुनाने को कहें. इससे बच्चे को पढ़ने में रुचि होने लगेगी.

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कहानी सुनाएं और सुनें

बच्चों को कहानियों का बहुत शौक होता है. उन्हें एक किताब से हर रोज कहानी पढ़कर सुनाएं. साथ ही उन्हें भी प्रेरित करें कि वह अपने मन से कोई कहानी सुनाए या पढ़े. इससे बच्चों की क्रिएटिविटी में सुधार होता है और उनका दिमाग एक्टिव होकर काम करता है. कहानी सुनाने से उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है.

शब्दों की होती है पहचान

अक्सर बच्चों को किताबें पढ़ना बोरिंग लगता है इसलिए पेरेंट्स को इसे इंटरेस्टिंग बनाने की जरूरत है. बच्चों को पहेली या खेल के जरिए पढ़ने की आदत डालें. उन्हें फ्लैश कार्ड खिलवाएं ताकि वह नए शब्द सीखें और उन्हें याद रखें. वह जितना पढ़ेंगे, नए शब्द सीखेंगे और उनकी वोकैबलरी बढ़ेगी. इससे उन्हें यह भी पता चलेगा कि किस शब्द को कहां बोलना है. उन्हें शब्दों की साउंड पता चलेगी जिससे उन्हें बोलने में आसानी होगी.

घर पर बनाएं लाइब्रेरी

जैसा घर का माहौल होता है, बच्चा वैसी ही आदतों में ढल जाता है. घर पर लाइब्रेरी बनाएं जिसमें बच्चों के हिसाब की बहुत सारी किताबें हों. इनमें उनकी पसंद की किताबों को भी शामिल करें. हर रोज 10 मिनट उन्हें किताबें पढ़ने को बोलें. अगर वह नहीं पढ़ पाते हैं, उन्हें तेज आवाज में सरल शब्द बोलकर दिखाएं और उन्हें अपने पीछे शब्द को रिपीट करने को कहें. इससे बच्चा पहले सरल शब्द सीखेगा और बाद में मुश्किल शब्द. बच्चे को पढ़ने के बाद गिफ्ट या शाबाशी दें ताकि वह पढ़ने के लिए मोटिवेट हो सके.

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