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May 18, 2025 7:20 am

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अच्छी आदतें: आगे चलकर नहीं होगी परेशानी……’बच्चों में इस तरह से डालें हेल्दी हैबिट्स…..

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बचपन ही वो समय होता है जब उन्हें सही रास्ता और अच्छी आदतें दी जाती हैं. तभी बच्चे आगे चलकर न सिर्फ फिजिकल रूप से मजबूत बनते हैं, बल्कि मेंटली, सोशली और इमोशनली रूप से भी बैलेंस रहते हैं. अक्सर माता-पिता बच्चों को लेकर ये सोचते हैं कि “अभी तो बच्चा है, बड़े होकर सीख जाएगा” . लेकिन यही सोच कई बार बाद में डिसिप्लिन, हेल्थ और बिहेवियर से जुड़ी समस्याओं का कारण बन जाती है.

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इसलिए ये जरूरी है कि हम उन्हें प्यार, खेल और आसान एग्जांपल के जरिए अच्छी आदतें सिखाएं . चलिए आज इस आर्टिकल में जानते हैं कि किन आसान तरीकों से आप अपने बच्चों में छोटी-छोटी लेकिन बहुत जरूरी हेल्दी हैबिट्स डाल सकते हैं जो उनके जीवन भर काम आएंगी.
1. टाइम पर सोना और जगना

बच्चों को हर दिन एक फिक्स्ड रूटीन पर चलाना बहुत जरूरी है. रात को देर तक जागने की आदत से उनका दिमाग थका रहता है और सुबह उठने में परेशानी होती है. इसलिए उन्हें सिखाएं कि जल्दी सोने से ही सुबह की ताजगी और एनर्जी बनी रहती है. एक प्यारी-सी बेडटाइम स्टोरी, सॉफ्ट म्यूजिक या गुड नाइट रिचुअल से सोने की आदत आसान हो सकती है.

2. पोष्टिक खाने की आदत

शुरुआत से ही बच्चों को जंक फूड से दूर रखना सिखाएं. उन्हें रंग-बिरंगे फल, हरी सब्जियां और घर का बना पौष्टिक खाना दें. साथ ही खाने का एक टाइम सेट करें और टीवी/मोबाइल से दूर रखकर खाना खाने की आदत बनाएं. कभी-कभी बच्चों को हेल्दी खाने की थाली सजाकर दिलचस्प रूप में परोसें. जैसे स्माइली बनाकर, कटोरी-प्लेट को कलरफुल रखकर.

3. खेल-खेल में नियम सिखाएं

डांट-डपट से बच्चे डरते हैं, सीखते नहीं. अगर आप उन्हें किसी बात के लिए नियम सिखाना चाहते हैं (जैसे खिलौने समेटना, ब्रश करना या हाथ धोना), तो इसे खेल और कहानी की तरह पेश करें. जैसे “चलो देखते हैं कौन पहले ब्रश करके बिस्तर पर जाता है”. इससे बच्चा जल्दी सीखता है.

4. सब्र करना सिखाएं

बच्चे जल्दी किसी चीज के लिए जिद कर बैठते हैं खासकर जब उन्हें कुछ चाहिए होता है.उन्हें समझाएं कि हर चीज तुरंत नहीं मिलती और इंतजार करना भी सीखना जरूरी है. उन्हें थोड़ा-थोड़ा देकर या पॉइंट सिस्टम के जरिए रिवॉर्ड देना सिखाएं.

5. इंटरेस्टिंग वर्कआउट कराएं

बच्चों को मोबाइल-टीवी की जगह फिजिकल एक्टिविटी की ओर मोड़ना बहुत जरूरी है. इसलिए उन्हें सुबह की वॉक, योग, डांस, या आउटडोर गेम्स में शामिल करें. उनके लिए एनिमेटेड योग वीडियो, बच्चों वाला ज़ुंबा या फैमिली वॉक टाइम प्लान करें.

6. फिलिंग्स शेयर करने की आदत डालें

बच्चे जब अपनी बात कह नहीं पाते तो चिड़चिड़े या शांत हो जाते हैं. इसलिए उन्हें सिखाएं कि जब वो गुस्सा, दुखी या खुश हों, तो उसे खुलकर कहें. इससे उनमें इमोशनल इंटेलिजेंस और कॉन्फिडेंस बढ़ेगा.

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