पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) की राजधानी मुजफ्फराबाद में पुलिस कार्रवाई के विरोध में बुलाई हड़ताल के दौरान व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, जिससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इस दौरान सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी देखने को मिली. वहीं, पथराव के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े.
डॉन अखबार की खबर के अनुसार, जम्मू-कश्मीर ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी (जेकेजेएएसी) के आह्वान पर शुक्रवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद में शटर डाउन और चक्का जाम हड़ताल बुलाई थी. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया है, प्रदर्शनकारियों के पथराव से घर और मस्जिद में रहने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े.
पीओके के समहनी, सेहंसा, मीरपुर, रावलकोट, खुइरत्ता, तत्तापानी, हट्टियन बाला में विरोध प्रदर्शन हुए. जेकेजेएसी ने मुजफ्फराबाद और मीरपुर डिवीजनों के विभिन्न हिस्सों में रात भर की छापेमारी में अपने कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान किया था.
पूरा नहीं किया वादा: प्रदर्शनकारी
डॉन ने कहा, जेकेजेएसी आंदोलन ने मांग है कि राज्य में बिजली की उत्पादन लागत के बाद उपभोक्ताओं को बिजली मिलनी चाहिए. पिछले साल दिसंबर में आधिकारिक सुलह समिति से ये मामला सुलझ गया था. जिसके बाद 4 फरवरी को सरकार द्वारा एक अधिसूचना भी जारी की गई थी. हालांकि, अप्रैल में समिति ने सरकार द्वारा लिखित प्रतिबद्धताओं को पूरा न करने के विरोध में 11 मई को लंबे मार्च की घोषणा की थी.
उन्होंने कहा कि समिति ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह राज्य भर के लोग 11 मई को मुजफ्फराबाद की ओर मार्च निकालेंगे.
59 पुलिसकर्मी जख्मी
एसएसपी यसीन बेग ने कहा कि रेहान गली में पुलिस उपाधीक्षक इलियास जंजुआ और दो राजस्व विभाग के अधिकारियों सहित 59 पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि सहंसा बरोइयां में 19 अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए. वहीं, एक पुलिसकर्मी की भी मौत हो गई है.
सड़कों पर उतरे लोग
ये पब्लिक एक्शन कमेटी बिजली बिलों पर लगाए गए करों के विरोध और आटे के लगातार बढ़े दामों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. पिछले साल अगस्त में भी इसी तरह का आंदोलन हुआ था. इस बीच यह सामने आया है कि पीओके के मुख्य सचिव ने इस्लामाबाद में आंतरिक प्रभाग के सचिव को पत्र लिखकर 11 मई की हड़ताल के कारण सुरक्षा के लिए 6 नागरिक सशस्त्र बल (सीएएफ) प्लाटून की मांग की थी.
सूत्रों ने कहा कि हड़ताल की आशंका के चलते सरकार ने पूरे पीओके में धारा 144 लागू कर दी थी और 10 और 11 मई को सभी शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टियों की घोषणा की थी. हालांकि, पीओके के सभी जिलों में लोग हजारों की संख्या में सड़क पर उतर आए.