Explore

Search

December 21, 2024 8:34 pm

लेटेस्ट न्यूज़

सांपों के खौफ में अंदर जाने से हिचके अफसर……..’पुरी में जगन्नाथ मंदिर रत्न भंडार के 46 साल बाद खुले ताले…….’

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

ओडिशा सरकार पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को 46 साल बाद रविवार को खोला गया ताकि आभूषणों और अन्य मूल्यवान सामानों की लिस्ट बनाई जा सके। रत्न भंडार आखिरी बार 1978 में खोला गया था। पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने कहा, ‘रविवार को रत्न भंडार को फिर से खोलने से पहले पूरी तैयारी की गई। हम श्री जगन्नाथ मंदिर अधिनियम के अनुसार सरकार के जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का सख्ती से पालन किया गया। ओडिशा हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस विश्वनाथ रथ की अध्यक्षता वाली विशेष समिति के सदस्य सौमेंद्र मुदुली ने कहा था, ‘राज्य सरकार की गठित 16 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति ने 14 जुलाई को रत्न भंडार को फिर से खोलने की सिफारिश की है। पारंपरिक पोशाक के साथ हम सबसे पहले मंदिर के अंदर भगवान लोकनाथ की पूजा-अर्चना करेंगे।’ रत्न भंडार के अंदर एक संरक्षक सांप होने की अफवाहों पर दास महापात्र ने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई अड़चन नहीं है।

ओडिशा सरकार ने शनिवार को ही चार दशकों से अधिक समय के बाद रत्न भंडार को खोलने की मंजूरी दे दी थी ताकि वहां संग्रहीत आभूषणों सहित कीमती वस्तुओं की सूची बनाई जा सके।

‘चिल्लाना चाहती थी लेकिन मैंने- जहीर इकबाल से शादी के 9 दिन बाद भड़कीं सोनाक्षी? हनीमून पर शत्रुघ्न सिन्हा के दामाद बोले….

तीन चरणों में एसओपी लागू

न्यायमूर्ति रथ ने कहा, ‘बैठक में चर्चा और ‘पुरोहितों’ और ‘मुक्ति मंडप’ के सुझावों के अनुसार, रत्न भंडार के खुलने का सही समय दोपहर 1:28 बजे तय किया गया। उन्होंने आगे कहा कि सरकार द्वारा जारी किए गए एसओपी को तीन भागों में लागू किया गया।’ जैसा कि निर्धारित है और जैसा कि सभी जानते हैं, सरकार पहले ही तीन भागों में आवश्यक एसओपी लेकर आ चुकी है उन्होंने कहा, ‘गर्भगृह के अंदर खंडवार और पूर्व-आवंटित कमरों में दोनों ‘भंडारों’ में कीमती सामान और सामान रखा हुआ है।’

की गईं वीडियो रिकॉर्डिंग

जस्टिस ने आगे बताया कि यह प्रक्रिया काफी चुनौतीपूर्ण होगी क्योंकि उन्हें अभी भी यह पता नहीं है कि रत्न भंडार 1985 में आखिरी बार कब खुला था और वहां क्या स्थिति थी। ताला खोलने के पहले से दो वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू की गईं ताकि प्रमाणीकरण रहे।

आरबीआई के अफसर रहे मौजूद

सूची बनाने का काम भारतीय रिजर्व बैंक के प्रतिनिधि की मौजूदगी में शुरू हुआ। गिनती पूरी होने के बाद एक डिजिटल सूची बनाई जाएगी। जस्टिस ने बताया कि हमने इसमें भारतीय रिजर्व बैंक को शामिल करने का अनुरोध किया था और इसमें भारतीय रिजर्व बैंक के प्रतिनिधि को शामिल किया गया। आभूषणों की गिनती के बाद हम एक डिजिटल सूची बनाएंगे, जिसमें तस्वीरें, उनका वजन और उनकी गुणवत्ता जैसी अन्य चीजें शामिल होंगी। सभी चीजों के साथ एक डिजिटल सूची बनाई जाएगी। डिजिटल सूची एक संदर्भ दस्तावेज होगी। एएसआई 12वीं सदी के मंदिर के रखरखाव का भी काम देखता है। कोषागार आखिरी बार 1978 में खोला गया था।

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर