Jaipur News: कोरोना चला गया लेकिन उसके साइड इफैक्ट अभी भी सामने आ रहे हैं. प्रदेश में अभी भी म्यूकर माइकोसिस के मामले लोगों में देखने को मिल रहे हैं. राजधानी के सरकारी डेंटल हॉस्पिटल की ही बात की जाए तो हर महीने करीब दो केस म्यूकर माइकोसिस के सामने आ रहे हैं.
म्यूकर माइकोसिस एक फंगल संक्रामक बीमारी है, जिसके कारण लोगों में जबड़े का ढीला होना, चेहरे के एक तरफ दर्द, सुन्नता या सूजन, गाल की हड्डी पर स्थानीय दर्द हो सकता है. अभी डेंटल हॉस्पिटल में देखा जाए तो हर महीने करीब दो लोग ऐसे आते हैं, जिनका जबड़ा गल चुका है और उनको निकालने की आवश्यकता पड़ रही है.
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इसको लेकर डेंटल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. विनय कुमार ने कहा कि 2019 से 2024 तक इन पांच सालों की बात की जाए तो हॉस्पिटल में 280 लोग ऐसे आए हैं, जिनका जबड़ा बिल्कुल गल चुका था, जिसको निकालना पड़ा. उन्होंने बताया कि अभी भी लोगों में ये केस सामने आ रहे हैं. पोस्ट कोविड अफेक्ट का असर है कि अभी भी हर महीने करीब एक दो केस ऐसे सामने आ रहे हैं.
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प्रिंसिपल डॉ. विनय कुमार ने कहा कि म्यूकर माइकोसिस कोई नई बीमारी नहीं है. इस तरह के संक्रमण कोविड से पहले भी आ रहे थे. उस दौरान उनकी संख्या कम थी. डायबिटीज के मरीजों पर ये ज्यादा असर कर सकता है.
म्यूकर माइकोसिस एक फंगल संक्रमण है, जो फंगस के कारण होता है. म्यूकोर्मिकोसिस छाले या अल्सर जैसा दिख सकता है, और संक्रमित क्षेत्र काला हो सकता है. इसके अन्य लक्षण दर्द, गर्मी, अत्यधिक लालिमा, या घाव के आसपास सूजन है.