मंकीपॉक्स का संक्रमण वैश्विक स्तर पर विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा रहा है। अफ्रीकी देशों से शुरू हुआ प्रकोप यूएस-यूके सहित अब एशियाई देशों में भी बढ़ता जा रहा है। भारत में भी एक संक्रमित मामले की पुष्टि की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारियों के मुताबिक संक्रमित व्यक्ति ने हाल ही में एमपॉक्स प्रभावित देश की यात्रा की थी, जहां से उसे संक्रमण हुआ है। फिलहाल रोगी को डॉक्टरों की निगरानी में आइसोलेशन में रखा गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को मंकीपॉक्स संक्रमण के बारे में जानकारी रखने और बचाव के उपायों का पालन करते रहने की सलाह दी है।
मंत्रालय ने एक एडवाइजरी में स्पष्ट किया है कि देश में मंकीपॉक्स से अन्य लोगों के लिए किसी व्यापक जोखिम का कोई संकेत नहीं है, इसलिए डरें या घबराएं नहीं। बस सभी लोगों को संक्रमण की रोकथाम को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। कुछ खास उम्र के लोगों में संक्रमण के मामले अधिक रिपोर्ट किए जा रहे हैं। जोखिम कारकों पर ध्यान देकर आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने सोमवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एमपॉक्स को लेकर अलर्ट रहने और सावधानी बरतते रहने की सलाह दी है। इसमें कहा गया है कि सभी राज्य मंकीपॉक्स रोग के प्रबंधन के लिए मंत्रालय द्वारा साझा किए गए दिशा-निर्देशों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। विशेषज्ञों ने कहा, संक्रमण से बचाव के उपाय करते रहना सबसे जरूरी है।
विश्व स्तर पर रिपोर्ट किए गए संक्रमण फैलने के तरीकों में, यौन संपर्क सबसे आम है, इसके बाद संक्रमिक व्यक्ति से अन्य लोगों में भी वायरस के प्रसार का खतरा रहता है जिसको लेकर भी सावधानी बरतना जरूरी है।
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18-44 की आयु वालों में खतरा अधिक
सरकार ने संक्रमण की नैदानिक स्थिति पर प्रकाश डालते हुए बताया है कि मंकीपॉक्स के अधिकांश मामले युवाओं में देखे जा रहे हैं। 18-44 वर्ष वाले लोगों में इसका खतरा अधिक देखा जा रहा है, इसमें भी पुरुष ज्यादा शिकार हो रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि 96.4% मामले पुरुषों में हैं, जिनकी औसत आयु 34 वर्ष है। मामलों का आयु और लिंग के आधार पर वितरण समय के साथ स्थिर बना हुआ है। महिलाओं में भी इसका खतरा हो सकता है पर ऐसे मामले कम हैं।
संक्रमितों में देखे जा रहे हैं ऐसे लक्षण
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया, आमतौर पर शरीर पर चकत्ते और बड़े-बड़े दाने होना मंकीपॉक्स संक्रमण के शुरुआती लक्षण होते हैं। इसके अलावा रोगियों को बुखार, मांसपेशियों में दर्द या गले में खराश जैसे लक्षणों का अनुभव भी होता है। चकत्ते हथेली, तलवों, चेहरे, मुंह, गले, जननांग क्षेत्रों और गुदा पर भी दिखाई देते हैं। लिम्फ नोड्स में सूजन, थकान-कमजोरी की भी दिक्कत बनी रहती है।
एमपॉक्स के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के 21 दिनों के भीतर शुरू होते हैं और इसका असर दो-चार हफ्तों तक भी रह सकता है।
पुरुष होते हैं अधिक शिकार
साल 2023 के एक अध्ययन के अनुसार, इस दौरान फैले प्रकोप में 96.4% रोगी पुरुष थे। 84.2% मामलों में रोगियों में संक्रमण के लिए यौन संबंधों को कारण पाया था। ज्यादातर लोग उभयलिंगी या समलैंगिक थे। वर्ल्ड जर्नल ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि 95.7% मंकीपॉक्स संक्रमण के केस पुरुष और केवल 2.3% मामले महिलाओं में देखे गए थे।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, यौन संपर्कों के अलावा संक्रमित के निकट संपर्क और शरीर के तरल पदार्थों के माध्यम से भी वायरस फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई वस्तुएं जैसे कपड़े, चादर, तौलिए आदि के इस्तेमाल से बचें।