एमएलसी चुनाव में महायुति ने 11 में से नौ सीटों पर जीत हासिल की है. इस बीच शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने शनिवार को दावा किया कि महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में धनबल और जनबल के बीच मुकाबला था.
संजय राउत क्या बोले?
शुक्रवार को हुए द्विवार्षिक चुनावों में सत्तारूढ़ गठबंधन ने अपनी सभी नौ सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को झटका लगा जब एनसीपी (एसपी) समर्थित किसान और श्रमिक पार्टी (पीडब्ल्यूपी) के उम्मीदवार जयंत पाटिल विपक्षी विधायकों की क्रॉस वोटिंग के कारण हार गए.
11 सीटों के लिए 12 उम्मीदवार मैदान में थे, जिसमें बीजेपी ने पांच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी ने दो-दो सीटें जीतीं.
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पीटीआई के अनुसार, पत्रकारों से बात करते हुए, संजय राउत ने जोर देकर कहा कि जयंत पाटिल की हार एमवीए के लिए बड़ा झटका नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की, लेकिन शिवसेना (यूबीटी) या एनसीपी (एसपी) के किसी भी सदस्य ने विपक्ष का साथ नहीं छोड़ा. ये चुनाव धनबल और जनबल के बीच प्रतियोगिता थी. राउत ने आरोप लगाया कि छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों की दरें शेयर बाजार की तरह बढ़ रही थीं और कुछ विधायकों को दो एकड़ जमीन भी दी गई थी.
राउत ने कहा कि विपक्षी खेमा समाजवादी पार्टी, एआईएमआईएम और अन्य छोटे दलों पर निर्भर था. विधायकों की दर 20 करोड़ रुपये से 25 करोड़ रुपये तक थी. उन्होंने कहा कि एमवीए ऐसा खेल नहीं खेलेगा और इशारा किया कि कुछ दलों ने एमवीए को वोट नहीं दिया. प्रत्येक जीतने वाले उम्मीदवार को 23 वोटों की आवश्यकता होती है.
राउत ने कहा कि शिवसेना और एनसीपी के लिए जश्न मनाने का कोई कारण नहीं है क्योंकि गद्दारों ने गद्दारों को चुना है. एमवीए से शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी मिलिंद नार्वेकर और कांग्रेस उम्मीदवार प्रज्ञा सातव ने चुनाव में जीत हासिल की. हालांकि, पीडब्ल्यूपी के जयंत पाटिल की हार से एमवीए को झटका लगा है. MLC चुनाव महत्वपूर्ण था क्योंकि विधान परिषद (एमएलसी) के 11 सदस्यों का छह साल का कार्यकाल 27 जुलाई को पूरा हो रहा है.