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April 22, 2025 5:34 am

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जानें पूरा मामला……’पहले डॉक्टर और अब बंदूक की नोक पर IAS अफसर की पत्नी से दुष्कर्म, हाईकोर्ट ने खारिज की आरोपी की जमानत…..

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कोलकाता में एक आईएएस अधिकारी की पत्नी के साथ बंदूक की नोक पर बलात्कार किया गया। कोर्ट ने पुलिस द्वारा मामले की ठीक से जांच नहीं करने पर चिंता व्यक्त की. वहीं पीड़िता ने दुष्कर्म के बाद जांच में देरी करने, मेडिकल जांच नहीं कराने का भी आरोप लगाया. पीड़िता को पुलिस इलाज के लिए नहीं ले गई, बल्कि वह खुद ही अपना इलाज कराने आई थी। कोर्ट ने पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच नए सिरे से शुरू करने का आदेश दिया है.

पुलिस पर आरोप लगाया

न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज ने प्रारंभिक जांच की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए नए सिरे से जांच का आदेश दिया। यह घटना 14 और 15 जुलाई 2024 की रात की है. इसी दौरान रात 11:30 बजे बंदूक की नोक पर महिला के साथ दुष्कर्म किया गया. पीड़िता ने आरोप लगाया कि वह अगले दिन पुलिस के पास पहुंची जहां उसे कई घंटों तक इंतजार कराया गया। इतना ही नहीं पुलिस ने मामले की गंभीरता को कम करके कम गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया. पीड़िता ने यह भी दावा किया है कि आरोपी की पत्नी और बेटे ने उसे शिकायत वापस लेने के लिए धमकी दी थी. पीड़िता ने बताया कि पुलिस को उसके घर जाकर मामले से जुड़े सबूत (कपड़े और अन्य सामान) जब्त करने में 24 घंटे से ज्यादा का समय लग गया.

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कोर्ट ने क्या कहा?

जस्टिस भारद्वाज ने कहा कि एफआईआर में कानून की कमजोर धाराओं का इस्तेमाल किया गया, जिससे यौन उत्पीड़न के आरोपों की गंभीरता कम हो गई. इसके अलावा, आरोप पत्र में छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया और पुलिस ने घटना के तुरंत बाद पीड़िता की मेडिकल जांच नहीं कराई। यहां तक ​​कि पीड़िता खुद इलाज के लिए अस्पताल भी गई. पीड़िता के आरोप सुनने के बाद कोर्ट ने नए सिरे से जांच के आदेश दिए हैं. जस्टिस ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया. आदेश में कहा गया है कि थाना प्रभारी समेत एक सब-इंस्पेक्टर, एक कांस्टेबल और तीन महिला अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. उन्होंने मामले को ठीक से नहीं संभाला और अनुशासनहीनता दिखाई है.’ कोर्ट ने मामले की जांच में पारदर्शिता को लेकर चिंता जताई.

आरोपी की जमानत खारिज

इस मामले के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन निचली अदालत से उसे जमानत मिल गई. हालांकि, शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप किया और आरोपी की जमानत खारिज कर दी. इस मामले को अब लालबाजार की डिप्टी कमिश्नर रैंक की एक महिला पुलिस अधिकारी देखेंगी.

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