जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आज एक बड़े राजनीतिक हंगामे का दृश्य तब देखा गया, जब उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने राज्य के विशेष दर्जे की बहाली के लिए केंद्र सरकार से बातचीत करने के प्रस्ताव का समर्थन करने हेतु एक प्रस्ताव पेश किया। हालांकि, यह प्रस्ताव विधानसभा में भारी हंगामे का कारण बना, जिसमें भाजपा और अन्य विपक्षी दलों के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
नेशनल कांफ्रेंस और भाजपा के बीच तीखी बहस
उपमुख्यमंत्री सुंदर चौधरी ने विधानसभा में यह प्रस्ताव पेश किया कि जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा फिर से बहाल किया जाए और इसके लिए केंद्र सरकार से वार्ता की जाए। वहीं, भाजपा ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए इसे कानूनी दृष्टिकोण से अमान्य बताया और कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद यह प्रस्ताव कोई वैधानिक ताकत नहीं रखता।
भाजपा के नेता और विधानसभा में विपक्षी नेता (LOP) सुरिंदर चौधरी ने इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि यह किसी कानूनी आधार पर नहीं है, क्योंकि राज्य का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह कदम देशविरोधी एजेंडा को बढ़ावा देने जैसा है।
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विधानसभा में हंगामा, नारेबाजी
प्रस्ताव के समर्थन में नेशनल कांफ्रेंस पीडीपी और आम आदमी पार्टी के विधायक आ गए, जबकि भाजपा और जम्मू के कुछ अन्य नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा के विधायक वेल में जाकर ‘पांच अगस्त जिंदाबाद’ और ‘भारत माता की जय’ जैसे नारे लगा रहे थे। वहीं जम्मू के कुछ नेता ‘कश्मीर हमारा है’ और ‘जो कश्मीर को खून से सींचा, वो कश्मीर हमारा है’ जैसे नारों के साथ उपस्थित थे। सभा में बवाल बढ़ते हुए स्पीकर को हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने कहा, एक-एक करके बोलिए, अगर आप बहस नहीं करना चाहते तो मैं वोटिंग करवाऊंगा। इसके बाद, शोर-शराबा बढ़ने पर सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।
कश्मीरी नेताओं ने की जोरदार प्रतिक्रिया
नेशनल कांफ्रेंस के एक नेता ने कहा जम्मू और कश्मीर की यह भूमि हमारे खून से सींची गई है, और यह कभी भी देश से अलग नहीं होगा। हम केवल विशेष दर्जे की बहाली की मांग कर रहे हैं, न कि कोई स्वतंत्रता की। वहीं भाजपा के नेताओं ने ‘देश विरोधी एजेंडा’ को चुनौती दी और पाकिस्तान समर्थक नारेबाजी के खिलाफ आवाज उठाई। आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक ने भाजपा से कहा हंगामा करने से कुछ नहीं होगा। हमें बैठकर बात करनी चाहिए। हमें हमारे जमीन और नौकरियों का सुरक्षा चाहिए। यह देश नहीं टूटने जाएगा हम सिर्फ अपने अधिकारों की बात कर रहे हैं