कानोता बांध एक बार फिर छलक गया है। सन् 2000 में बना कानोता बांध 24 साल में दूसरी बार छलका (ओवरफ्लो होना) है। इसका पानी ढूंढ नदी से होता हुआ ढाई किलोमीटर आगे बढ़ चुका है। इसका पानी 15 गांवों तक पहुंचता है। कानोता बांध पर इस नजारे को देखने के लिए जयपुर
जल संसाधन विभाग के JEN राजू लाल बैरवा ने बताया- कानोता बांध का निर्माण इस क्षेत्र के लोगों की प्यास बुझाने के लिए किया गया था। इसमें जल महल, लंगड़ियावास, सुगली नदी, बरसाती नालों और आसपास के पहाड़ों का पानी आता है। बारिश के दौरान ओवरफ्लो होने पर इसका पानी ढूंढ नदी के माध्यम से गांवों तक पहुंचता है।
किसानों के साथ ही ग्राउंड वाटर रिचार्ज के लिए कारगर
बैरवा ने कहा- कानोता का पानी फिलहाल दूषित होने की वजह से पीने के लिए इस्तेमाल नहीं होता है। किसानों के साथ ही ग्राउंड वाटर रिचार्ज के लिए यह पानी कारगर साबित हो रहा है। कानोता बांध में बड़े स्तर पर मत्स्य पालन भी किया जाता है। इससे सरकार को कमाई भी होती है।
बैरवा ने कहा- बारिश के दौरान यहां बड़ी संख्या में आम लोग आते हैं। कुछ लोग गैर कानूनी तरीके से भी मछली पकड़ने पहुंचते हैं। इन्हें रोकने के लिए हमने दीवार भी बनाई है। बावजूद इसके कुछ लोग नियमों का उल्लंघन कर बांध के बहाव क्षेत्र के नजदीक पहुंच जाते हैं। इन्हें काबू करने के लिए हमने स्थानीय पुलिस से भी शिकायत की है।
कानोता बांध पर लोग मछली पकड़ने भी पहुंचते हैं।
इन गांवों तक पहुंचता है पानी
कानोता बांध का पानी ढूंढ नदी के जरिए सुमेल, विजयपुरा, बगराना, कानोता, रामरतनपुरा, नायला, ड्योडा चौड़, कूंथाड़ा खुर्द, हीरावाला, गीलावाला, दयारामपुरा, रामसर पालावाला, जीतावाला, खोखावाला, रूपा की नांगल समेत कई गांवों तक पहुंचता है। इस साल पानी अभी सिर्फ रामरतनपूरा और सुमेल गांव तक पहुंचा है। बाकी गांव तक पहुंचना बाकी है।
600 मीटर लंबा वॉक वे बन रहा
जयपुर के कानोता बांध को टूरिस्ट साइट के रूप में डेवलप किया जा रहा है। पूर्व गहलोत सरकार ने बांध के विकास के लिए 2 करोड़ 48 लाख रुपए का फंड दिया था। इससे बांध पर 600 मीटर लंबा वॉक-वे बनाया जा रहा है। साथ ही बर्ड वॉचिंग प्लेटफाॅर्म और छतरियों का निर्माण किया जा रहा है। पूर्व सरकार ने कानोता बांध पर वॉटर स्पोट्र्स शुरू करने का भी फैसला किया था। फिलहाल वॉटर स्पोट्र्स को लेकर बांध पर किसी तरह की कोई एक्टिविटी शुरू नहीं हो पाई है।
आनंद उठा रहे पर्यटक
दिल्ली से जयपुर घूमने आए दानिश ने कहा- इतना बेहतरीन नजारा देखकर मैं खुद को नहाने से नहीं रोक पाया। इसीलिए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ इस बांध में तैरकर इंजॉय किया। बांध पर घूमने पहुंचे ऋतुराज मीणा ने कहा- जयपुर में कानोता बांध एकमात्र ऐसी बांध है, जो ओवरफ्लो हुई हे। यही देखने के लिए हम भी अपने दोस्तों के साथ यहां पहुंचे हैं। हरी-भरी वादियों के बीच बहते पानी का यह अद्भुत नजारा रोमांचित करने वाला है।
सुरक्षा का खुद ही ध्यान रखें
कानोता बांध में पिकनिक मनाने पहुंचे गौरव ने कहा- यहां का माहौल और नजारा बहुत शानदार है। जयपुराइट्स को इसे जरूर इंजॉय करना चाहिए। यहां सेफ्टी का थोड़ा ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है।
पहले बीसलपुर बांध जाना पड़ता था, कानोता में ऐसा नजारा नहीं देखा
जयपुर के झोटवाड़ा में रहने वाले पुनीत भी यहां पहुंचे। उन्होंने बताया कि जयपुर में इस तरह का नजारा देखकर हम भी हैरान हैं। आमतौर पर इतना पानी जयपुर में एक साथ देखने को नहीं मिलता है। इसे हम कभी नहीं भूल पाएंगे। पहले हमें मानसून में पानी देखने के लिए बीसलपुर बांध तक जाना पड़ता था। इस बार कानोता ने हमारी ख्वाहिश को पूरा कर दिया है।