जयपुर में एक नामी परिवार के युवक के साथ डिजिटल हाउस अरेस्ट का मामला सामने आया है। साइबर ठगों ने युवक को 8 दिन तक डिजिटल हाउस अरेस्ट रखकर 712 करोड़ रु. की टेरर फंडिंग में फंसाने की धमकी दी। ठगों ने खुद को आरबीआई, सीबीआई, ईडी का अधिकारी और हैदराबाद
वैशाली नगर के पीड़ित युवक ने बताया- 1 अगस्त दोपहर 1:56 बजे मोबाइल पर कॉल आया। सामने वाले ने खुद को आरबीआई कस्टमर सर्विसेज अधिकारी बताते हुए क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट होने की जानकारी दी। युवक के मना करने पर सामने वाले ने कहा, 9 मई को कुछ इश्यू हुआ था। कार्ड आपका नहीं है, तो हैदराबाद पुलिस से बात करो और कॉल ट्रांसफर कर दिया।
आतंकी गतिविधियों में पैसे देने का आरोप
एक महिला ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए कहा कि 712 करोड़ की टेरर फंडिंग में तुम्हारे खाते का भी इस्तेमाल हुआ है। पीड़ित ने मना किया तो महिला ने कहा, खाते से 20 लाख आतंकी गतिविधियों के लिए भेजे गए हैं। महिला ने जांच के नाम पर युवक से आधार और खातों की डिटेल ले ली। महिला ने कहा- मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। इसमें 260 लोग संदिग्ध हैं, जिनमें 194 अरेस्ट हो चुके हैं। तुम्हारे खिलाफ भी प्राइमरी जांच शुरू हो चुकी है और गिरफ्तारी होगी। इसके बाद अलग-अलग जांच एजेंसियों के नाम से फर्जी वारंट और नोटिस आने लगे।
CBI-ED के नाम से भेजे फर्जी वारंट; नया फोन खरीदवाया और बैंक भी भेजा
युवक को दबाव में आता देख ठगों ने अलग-अलग नंबरों से और अलग-अलग एजेंसी का अधिकारी बनकर फोन किया। युवक से मोबाइल खरीदवाया और स्काइप एप डाउनलोड करवाकर वीडियो कॉल पर लिया। शुक्रवार दोपहर तक ठगों ने वीडियो निगरानी में रखा। इस बीच, एक दिन होटल में भी ठहराया था।
आधार, बैंक खाते से एफडी की जानकारी निकलवा ली
ठगों ने पीड़ित के आधार और खातों से एफडी का पता लगाया। साढ़े चार लाख रुपए लेने के बाद युवक पर एफडी तुड़वाने का दबाव बनाया। समय पूर्व एफडी तुड़वाने का दबाव बनाकर पीड़ित को बैंक भेजा गया। नई चेक बुक के लिए अप्लाई करवाया। युवक ने आठ दिन चले इस घटनाक्रम की जानकारी किसी को नहीं दी। शुक्रवार को युवक ने पिता से चेकबुक आने की जानकारी मांगी तब मामला खुला। पिता ने वीडियो कॉल डिस्कनेक्ट कराया और ठगों के चंगुल से निकाला। परिजनों ने बताया कि युवक बहुत मानसिक दबाव में है। शनिवार को एफआईआर दर्ज कराएंगे।
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साइबर ठगी का नया तरीका है डिजिटल हाउस अरेस्ट
साइबर अपराधियों की ठगी का नया तरीका है। लोगों को घर में फंसाकर ठगा जाता है। जालसाज फोन या वीडियो कॉल से डराते हैं। एआई की मदद से नकली आवाज का इस्तेमाल कर पुलिस अधिकारी बनकर बात करते हैं।
बढ़ने लगे डिजिटल हाउस अरेस्ट के मामले
प्रदेश में डिजिटल हाउस अरेस्ट के मामले बढ़ रहे हैं। पिछले साल झुंझनूं में बिट्स पिलानी की महिला प्रोफेसर को ठगों ने मनी लॉड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर 7.67 करोड़ रुपए ठगे थे। जून-2024 में जयपुर में महिला बैंक मैनेजर को डिजिटल हाउस अरेस्ट कर 17 लाख रुपए ठगे थे। इसमें भी पीड़िता ने बैंक एफडी तुड़वाकर रुपए दिए थे। जुलाई-2024 में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज को भी पौने तीन घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर 2 लाख रुपए ठगे थे।
इबर फ्रॉड से कैसे बचें
बार-बार फर्जी या स्कैम फोन कॉल आए तो बिना डरे पुलिस से संपर्क करें। केंद्र सरकार ने सायबर और ऑनलाइन धोखाधड़ी रोकने के लिए www.sancharsaathi.gov.in पर चाक्षु पोर्टल लॉन्च किया है। सायबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर या www.cybercrime.gov.in पर भी मदद के लिए संपर्क कर सकते हैं। फर्जी फोन कॉल से डरे नहीं। घर के लोगों से शेयर करें और पुलिस को बताएं। ठग सिर्फ आपके डर का फायदा उठाना चाहते हैं।