Jaipur News: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अमृत 2.0 जल्द ही धरातल पर उतरेगी. पिछली सरकार में देरी के कारण यह योजना शुरू तक नहीं हो पाई थी,लेकिन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के प्रयासों के बाद अब पूरी योजना डीपीआर बनकर तकनीकी और वित्तीय स्वीकृति जारी हो गई.
अमृत 2.0 से राजस्थान के 176 शहरों के कस्बों तक पेयजल राहत पहुंचेगी. क्योंकि राज्य सरकार ने 161 शहरों कस्बों में पेयजल सप्लाई में सुधार और नए कनेक्शन के प्रस्तावों को स्वीकृति दे दी है. वहीं वित्त विभाग ने भी अमृत-2.0 के लिए 5123 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति दी है.
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब जलदाय विभाग सभी 176 कस्बों का ऑफिस वर्क 15 दिसंबर तक पूरा करना होगा.
इसके बाद धरातल पर काम शुरू होगा.अमृत-2.0 की प्रक्रिया और कार्यों में पिछले दो महीने में ही तेजी आई है. 15 शहरों की कार्यों की तकनीकी स्वीकृति भी 30 नवंबर से पहले जारी होगी. पिछली सरकार में जलदाय विभाग के बजाए स्वायत शासन विभाग को अमृत का काम दिया था,जबकि डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) जलदाय विभाग ने बनवाई थी.लेकिन जलदाय और यूडीएच के बीच विवाद रहा.जिसके बाद अमृत-2.0 का काम छह महीने तक नहीं करवा पाया.
इतने कस्बों तक पहुंचेगा अमृत-
शहर और कस्बे – 176
नए कनेक्शन – 8.35 लाख
लाभान्वित आबादी – 35.22 लाख
संवर्धन के लिए कनेक्शन – 22.06 लाख
लाभान्वित आबादी – 28.27 लाख
मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य-
अमृत-1.0 में पेयजल स्कीम और सप्लाई से जुड़ा हुआ काम जलदाय विभाग ने ही करवाया था. पिछली सरकार में अमृत की डीपीआर तक नहीं बन पाई थी,जिस कारण देरी हुई. वैसे तो अमृत योजना मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया हुआ है. अमृत-2.0 योजना में शहरी घरों में अब स्मार्ट पानी के मीटर लगेंगे,ताकि उपभोक्ता को उपयोग पानी का चार्ज ही देना पड़े और पानी की छीजत कम हो और विभाग को पूरा राजस्व मिले.
इसके साथ ही नए पंप हाउस और टंकियां बनाई जाएगी. इससे पाइपलाइन के टेल एंड तक पूरे प्रेशर से पानी मिले. दूषित पानी सप्लाई वाले इलाकों में पाइपलाइन भी बदली जाएगी. अमृत-2.0 में चौबीस घंटे सप्लाई, स्मार्ट मीटर, वाटर रिसाइकिल प्लांट लगाने के काम होंगे.