जयपुर: पर्यटकों के लिए अब हाथी की सवारी करना और भी अधिक महंगा हो गया है. आमेर महल और हाथी गांव में संचालित हाथी सवारी के शुल्क में बढ़ोतरी की गई है. पहले आमेर महल में संचालित हाथी सवारी का शुल्क प्रति पर्यटक 1000 रुपए लिए जाते थे इसके अलावा हाथी गांव में प्रति पर्यटक से 800 लिए जाते थे. दोनों क्षेत्र हाथी सवारी के लिए जयपुर में फेमस है. यहां आकर पर्यटक हाथी की सवारी का आनंद लेते हैं.
आमेर महल में संचालित हाथी सवारी का शुल्क प्रति पर्यटक अब 1100 से बढ़ाकर 2500 रुपए कर दिया गया है. वहीं हाथी गांव में हाथी सवारी के लिए प्रति पर्यटक शुल्क 800 से बढ़ाकर 1500 रुपए कर दिया गया है. लंबे समय से महावत हाथी की सवारी का शुल्क बढ़ाने की मांग कर रहे थे. उनका कहना था कि इस महंगाई में हाथी पालना मुश्किल हो रहा था. अब शुल्क में बढ़ोतरी के बाद हमें कुछ राहत मिली है.
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13 अक्टूबर तक हाथी सवारी नहीं होगी
आपको बता दें कि आमेर महल परिसर में स्थित शिलामाता मंदिर, जलेब चौक में शारदीय नवरात्रा मेले की व्यवस्थाओं, दर्शनार्थियों की भारी संख्या एवं पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए आमेर महल में हाथी संचालन 13 अक्टूबर तक बंद है. ऐसा मैं अमीर आने वाले पर्यटक 13 अक्टूबर के बाद ही खाते की सवारी का लाभ उठा पाएंगे.
आमेर और हाथी गांव में क्या है खास
आमेर महल राजपूत वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है और इसकी भव्यता, बाग़ और दीवारें इसे आकर्षक बनाती हैं. यह पहाड़ी पर बना हुआ एक गढ़ है. पर्यटक हाथी पर बैठकर इसके ऊपर जाकर सवारी का आनंद ले सकते हैं. वहीं हाथी गांव, जिसे “हाथी वॉली” भी कहा जाता है, आमेर महल के निकट है और यह मुख्यतः हाथियों की देखभाल और प्रशिक्षण के लिए जाना जाता है.
यहां पर्यटक हाथियों की सवारी का अनुभव ले सकते हैं और इनका संरक्षण करने वाली गतिविधियों में भाग ले सकते हैं. इसके अलावा हाथी गांव में पर्यटक हाथियों को नहलाने और उनके साथ फोटो खिंचवाने का आनंद ले सकते हैं. यहाँ हाथियों के लिए विशेष देखभाल की जाती है, और यह स्थान पारंपरिक राजस्थानी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.