भाजपा ने एक सितम्बर से शुरू होने वाले सदस्यता अभियान की तैयारी पूरी कर ली है. इसके लिए प्रत्येक बूथ पर 200 सदस्य और प्रदेश में सवा करोड़ सदस्य बनाने का टारगेट तय किया गया है, लेकिन प्रदेश में दो दर्जन बूथ ऐसे हैं, जहां बीजेपी खाता भी नहीं खोल पाई तथा करीब चार हजार बूथों पर 50 से कम वोट मिले हैं. ऐसे में बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या बीजेपी अपने लक्ष्य को पूरा कर पाएगी? खैर यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
1 सितंबर से शुरू होगा BJP का सदस्यता अभियान
भाजपा देशभर में सदस्यता अभियान शुरू करने जा रही है. राजस्थान में इसकी कवायद 1 सितंबर से शुरू होगी. इस अभियान के तहत पार्टी की ओर से देश में 10 करोड़ और राजस्थान में सवा करोड़ सदस्य बनाने का टारगेट रखा गया है. प्रदेश में 52 हजार के आसपास पोलिंग बूथ हैं. इनमें से हर एक बूथ पर बीजेपी ने दो सौ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है.
4 हजार बूथ हैं मुस्लिम बहुल
प्रदेश के 52 हजार बूथ में करीब 4 हजार बूथ तो मुस्लिम बहुल हैं. इनमें से करीब दो दर्जन बूथों पर तो विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा अपना खाता तक नहीं खोल पाई. अर्थात भाजपा को एक भी वोट नहीं मिला. वहीं, चार हजार के आसपास ऐसे बूथ हैं, जहां पार्टी प्रत्याशियों को 50 से भी कम वोट मिले हैं.
राजस्थान पर 10 फीसदी है टारगेट
वहीं, दूसरी ओर केंद्रीय नेतृत्व ने भाजपा के सदस्यता अभियान का 10 फीसदी टारगेट की जिम्मेदारी अकेले राजस्थान के कंधों पर डाली है. इधर मुस्लिम बहुल बूथों पर पार्टी को टारगेट पूरा करना कि बड़ी चुनौती होगा. जहां एक भी वोट नहीं हैं. वहां दो सदस्य कैसे बनाए जाएंगे. इससे लग रहा है कि क्या भाजपा अपना टारगेट पूरा कर पाएगी ?