भजनलाल सरकार के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे ने बीजेपी की सियासत में भूचाल ला दिया है। सियासी गलियारों में जमकर चर्चा है कि किरोड़ी लाल ने अपनी उपेक्षा के कारण भजनलाल सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। अब किरोड़ी लाल के इस्तीफे को लेकर राजनीतिक एक्सपर्ट अपनी-अपने मायने निकाल रहे हैं। इस बीच एक मीडिया रिपोर्ट्स में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का एक बयान काफी सुर्खियों में आ गया है। इस बयान के माध्यम से वसुंधरा राजे ने जो सियासी संकेत दिया है, उससे लग रहा है कि राजस्थान की सियासत में जल्द ही कुछ बड़ा होने वाला है। सियासी जानकार लोगों का मानना है कि अब राजस्थान की सियासत में या तो कोई कमाल होगा या कोई बहुत बड़ा धमाल होगा। राजनीतिक एक्सपर्ट किरोड़ी लाल मीणा और वसुंधरा राजे के बयान को उपचुनाव में होने वाले ‘बड़े खेला’ की संभावनाओं से जोड़कर देख रहे हैं।
वसुंधरा राजे ने कहा- ‘वेट वी विल फाइट’
एक न्यूज चैनल की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गुरुवार को विधानसभा में हंगामा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक बड़ा सियासी संकेत देने की कोशिश की है। किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफा देने के बाद वसुंधरा राजे का अलग ही अंदाज देखने को मिला। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राजे विधानसभा के गलियारों में विधायकों से यह कहती हुई नजर आई कि ‘वेट वी विल फाइट’, यानी ‘देखते जाओ हम लड़ेंगें’। राजनीतिक जानकार उनके इस सियासत संकेत को समझने की कोशिश कर रहे हैं। सियासी कयास हैं कि वसुंधरा राजे क्या अब कुछ बड़ा करने की फिराक में हैं? इधर, पहले ही किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे ने सियासत में हलचल मचा रखी है।
वसुंधरा राजे गुट के लोग हुए सक्रिय
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विधानसभा के गलियारों में वसुंधरा राजे ने जो सियासी संकेत दिया है, उसके बाद वसुंधरा राजे ग्रुप के नेता अब सक्रिय हो गए हैं। सियासी चर्चा है कि किरोड़ी लाल अब वसुंधरा राजे के ग्रुप के सदस्यों के संपर्क में है। जो अब किरोड़ी लाल मीणा को अपने पक्ष में करने के प्रयास में हैं। माना जा रहा है कि किरोड़ी लाल मीणा ने सरकार में अपनी उपेक्षा को देखकर इस्तीफा दिया है। कहा जा रहा है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता होने के बावजूद भी मंत्रिमंडल में उनका कनिष्ठ रखा गया। ग्रामीण पंचायत राज विकास मंत्रालय को टुकड़ों में बांटकर उन्हें दिया गया। इसके कारण किरोड़ी लाल के मन में असंतोष था। इसी का फायदा उठाकर दूसरे गुट के लोग उन्हें अपनी तरफ खींचने में जुटे हुए हैं। हालांकि किरोड़ी लाल मीणा ने मीडिया में कहा है कि उन्हें मंत्रिमंडल से कोई समस्या नहीं है। उन्होंने केवल लोकसभा की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने वादे के अनुसार इस्तीफा दिया है।
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उपचुनाव में बीजेपी के साथ हो सकता है बड़ा खेला?
किरोड़ी लाल मीणा का मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इशारों में बड़े सियासी संकेत ने बीजेपी में खलबली मचा रखी है। सियासी चर्चाओं का दौरा लगातार तेज हो गया है। राजनीतिक जानकार इसके मायने निकलते हुए विश्लेषण कर रहे हैं कि दोनों ही नेताओं की नाराजगी कहीं बीजेपी को पांच विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भारी न पड़ जाए। माना जा रहा है कि किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफा देने के बाद मीणा बाहुल्य सीट देवली और दौसा विधानसभा सीट पर मीणा वोटर्स का बीजेपी को नुकसान हो सकता है। बता दें कि पांच विधायकों के सांसद बनने के बाद देवली, दौसा, झुंझुनू खींवसर और चौरासी विधान सभा सीट पर उपचुनाव होने हैं।
सरकार के खिलाफ भी जारी रहेगी लड़ाई!
इधर किरोड़ी लाल मीणा ने इस्तीफा देने के बाद एक कार्यक्रम में राजनीति पर जमकर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि अब राजनीति कमर्शियल हो गई है, केवल नेताओं के स्वार्थ से भरी हुई है। उन्होंने इस्तीफा देने के बाद अपने तेवर दिखा दिए है। उन्होंने इशारों में संकेत दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी, यानी अगर मौका आया तो किरोड़ी लाल अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठेंगे। उन्होंने कहा कि 10 सालों से वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ते आ रहे हैं। ऐसे में उनके इस बयान के बाद यही कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में बड़े सियासी उठापटक देखने को मिल सकते हैं।