भारत और बांग्लादेश के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेला जा रहा है। इस टेस्ट में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। कानपुर में यह 24वां टेस्ट है और ऐसा सिर्फ दूसरी बार हुआ है जब यहां किसी कप्तान ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग चुनी हो। इससे पहले ऐसा 60 साल पहले 1964 में इंग्लैंड के खिलाफ भारत ने यह फैसला किया था। तब टीम इंडिया के कप्तान मनसूर अली खान पटौदी रहे थे। उन्होंने कानपुर में टॉस जीतने के बाद इंग्लैंड को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया था।
वहीं, भारत में ओवरऑल 2015 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि भारतीय कप्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया हो। इससे पहले 2015 में बेंगलुरु में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारतीय कप्तान ने पहले गेंदबाजी का फैसला किया था। तब टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली थे। विराट ने अपनी कप्तानी में भारत में बस एक बार ऐसा फैसला लिया है। अब रोहित भी इस लिस्ट में शामिल हो चुके हैं। भारतीय कप्तान ने कानपुर टेस्ट में प्लेइंग-11 में कोई बदलाव नहीं किया।
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भारतीय टीम ने लगातार दूसरे टेस्ट में कोई बदलाव नहीं किया। टीम इंडिया उसी प्लेइंग-11 के साथ कानपुर टेस्ट में उतरी, जिस प्लेइंग-11 के साथ उन्होंने चेन्नई टेस्ट खेला था। 2019 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब भारत ने अपने घर में लगातार दो टेस्ट की प्लेइंग-11 में कोई बदलाव नहीं किया हो। पिछली बार ऐसा 2019 में विराट कोहली की कप्तानी में हुआ था। तब इंदौर और कोलकाता, लगातार दो टेस्ट में टीम इंडिया की प्लेइंग-11 में कोई बदलाव नहीं हुआ था। तब भी ऐसा भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ ही किया था।
यह भारत में किसी टेस्ट सीरीज में पहली बार है जब दोनों मैच में टॉस जीतने वाले कप्तान ने पहले गेंदबाजी का फैसला किया हो। चेन्नई में नजमुल शांतो ने भी टॉस जीतने के बाद पहले गेंदबाजी चुनी थी। भारत में एक सीरीज में दो बार यह हो चुका है, लेकिन तब सीरीज तीन टेस्ट मैचों की थी और एक मैच में गैप लेकर फैसला लिया गया था। भारत और श्रीलंका के बीच 1997 में खेली गई तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले और तीसरे टेस्ट में टॉस जीतने वाले कप्तान ने पहले गेंदबाजी का फैसला किया था। लगातार दो टेस्ट में ऐसा पहली बार हुआ है।