अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आने वाले दिनों में क्या करने वाले हैं, इस बारे में अनुमान लगाना ही दुनिया के लिए भारी पड़ रहा है. शपथ ग्रहण के बाद अपने पहले ही भाषण में डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को सबक सिखाने, कनाडा और मेक्सिको जैसे देशों पर टैरिफ लगाने की गर्जना की थी. ऐसे में अब भारत भी डोनाल्ड ट्रंप की ‘America First Trade Policy’ की कानूनी समीक्षा कर रहा है. ताकि इससे डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड एजेंडा और भारत पर उसके असर को समझा जा सके.
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने डोनाल्ड ट्रंप की ट्रेड पॉलिसी को समझने के लिए उसकी पैराग्राफ वाइज समीक्षा करना शुरू किया है. डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पास करके अपनी ट्रेड पॉलिसी का ऐलान कर दिया था.
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भारत कर रहा डिटेल्ड रिव्यू
इस पॉलिसी में डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसे देशों की पहचान करने के बारे में आदेश दिया है जिनके साथ अमेरिका द्विपक्षीय स्तर पर ट्रेड एग्रीमेंट कर सकता है, या वह किसी विशेष सेक्टर को लेकर ट्रेड डील कर सकता है. डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के ट्रेड डेफिसिट को बैलेंस करने के लिए कई ट्रेड पार्टनर देशों पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की बात भी इसी ऑर्डर में कही है.
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सरकार इस एग्जीक्यूटिव ऑर्डर की विस्तृत समीक्षा कर रही है. भारत पर इसके असर को समझा जा रहा है. इस रिव्यू का मकसद भारत-अमेरिका के ट्रेड की समीक्षा करना भी है. अभी भारत के साथ ट्रेड करने में अमेरिका का ट्रेड डेफिसिट 35 अरब डॉलर का है.
भारत का इस पॉलिसी का रिव्यू करना इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक उचित द्विपक्षीय व्यापारिक रिश्तों की दिशा में काम करने का अनुरोध कर चुके हैं. उन्होंने भारत से अमेरिका में बने ज्यादा हथियार और सुरक्षा डिवाइस खरीदने को कहा है. दोनों नेताओं की अगले महीने अमेरिका में मुलाकात होने की संभावना है.
WTO एग्रीमेंट की भी समीक्षा
अमेरिका, भारत के ट्रेड के लिए काफी अहम है और उसके टॉप ट्रेड पार्टनर्स में से एक है. वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने अमेरिका को 77.5 अरब डॉलर का निर्यात किया. डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि भारत, चीन और ब्राजील में अमेरिकी सामान पर लगने वाले ऊंचे कर से अमेरिका को नुकसान होता है. उन्होंने BRICS में शामिल देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने का भी ऐलान किया है, अगर वह डॉलर की बजाय किसी और मुद्रा में ट्रेड करते हैं तो.
डोनाल्ड ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट ट्रेड पॉलिसी’ में कहा गया है कि अमेरिका WTO समेत सभी देशों के साथ ट्रेड एग्रीमेंट की समीक्षा करेगा और देखेगा क्या अमेरिका की सरकारी खरीद में उसे नुकसान तो नहीं हो रहा है. उन्होंने कंपनियों से अमेरिका में मैन्यूफैक्चरिंग करने का भी आह्वान किया है.
